मैसूर के राजा टीपू सुल्तान का रंग सोमवार (3 अक्टूबर) को ट्विटर पर बहस का विषय बन गया। इसकी शुरुआत हुई पत्रकार और लेखिका मधु किश्वर के एक री-ट्वीट से जिसमें कहा गया था कि वामपंथी और कांग्रेस समर्थक इतिहासकारों ने “काले” टीपू सुल्तान को स्कूल की किताबों में “गोरा” बनाकर पेश किया। उस ट्वीट में दो तस्वीरें भी पोस्ट की गई थीं जिनमें से एक को टीपू की “असली” और दूसरी को उनकी “प्रचारित तस्वीर” बताया गया था। बाद में जब एक ट्विटर यूज़र ने किश्वर को बताया कि जिस तस्वीर को टीपू की असली तस्वीर बताया जा रहा है वो किसी स्वाहिली गुलाम व्यापारी की है जिसे “टिप्पू टीप” नाम से जाना जाता है। एक अन्य ट्विटर यूज़र ने ब्रिटिश लाइब्रेरी में मौजूद टीपू की असली पेंटिंग भी पोस्ट की।
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टीपू सुल्तान दक्षिण भारत स्थित मैसूर रियासत के राजा थे। 1750 में जन्मे टीपू ने 1782 से 1799 तक मैसूर पर राज किया। टीपू श्रीरंगपट्टन में अंग्रेजों की सेना से युद्ध करते हुए मारे गए थे। टीपू सुल्तान उस समय भी विवादों में आए थे जब बीजेपी ने 2015 में कांग्रेस सरकार द्वारा टीपू जंयती पर आयोजित कराए जा रहे कार्यक्रमों का विरोध किया था। बीजेपी के अनुसार टीपू कन्नड़ और धर्मांध राजा थे। टीपू के नाम पर 2015 में ही तब भी विवाद हो गया था जब मशहूर रंगकर्मी गिरीश कर्नाड ने बेंगलुरु के हवाई्अड्डे का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने की मांग कर दी थी।
According to Hindu Rightwing Twitter, there has been a communist conspiracy to make Tipu Sultan look fair. pic.twitter.com/8R4dxS7MCz
— IndiaExplained (@IndiaExplained) October 3, 2016
करुणाकरन नामट ट्विटर यूज़र ने कमेंट किया, “लगता है उस समय टाइम मशीर भी बन गई थी क्योंकि जिसकी मृत्यु 1800 तक हो गई थी उसकी तस्वीर एक ऐसे यंत्र से ली गई जिसका आविष्कार 1820 के बाद हुआ।”
कैटी नामक यूज़र ने लिखा, “हे भगवान, टीपू सुल्तान काला था लेकिन मेरी इतिहास की किताब में तो हैंडसम लगता था। मुझे लग रहा है कि मुझे धोखा दिया गया।”
"Omg Tipu Sultan kaala tha but history books me toh handsome lagta tha. I feel so cheated." ~ one sanghan to another https://t.co/vfVJQACgPy
— Catty Stark. (@CatWomaniya) October 3, 2016
बिजय के जैन नामक ट्विटर यूज़र टीपू सुल्तान के रंग पर बहस में भगवान राम और नरेंद्र मोदी का भी जिक्र ले आए। बिजय ने ट्वीट किया, “कुछ तस्वीरों राम सांवले लगते हैं तो कुछ में गोरे, फिर टीपू को गोरा दिखा दिया तो क्या बड़ी बात है? कुछ तस्वीरों में तो मोदी भी गोरे लगते हैं।” जब टीपू के रंग को काफी बहसाबहसी हो गई तो आशा बालचंद्रन नामक यूज़र ने ब्रिटिश लाइब्रेरी में मौजूद टीपू की असली पेंटिंग शेयर करते हुए लिखा, “…टीपू दाढ़ी नहीं रखते थे और वो हम जैसे बहुत से लोगों की तरह सांवले थे।”
https://twitter.com/madhukishwar/status/782839553874812932

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