सोशल मीडिया के माध्यम से लोग दूर रहते हुए भी एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। बातचीत करते हैं, वीडियो कॉल पर एक दूसरे को देखते हैं। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया के जरिये कई बिछड़े हुए लोग भी सालों बाद मिलते भी हैं। ऐसा ही हुआ एक लड़की के साथ, जिसने अपने बचपन के मित्र को खोजने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

इंस्टाग्राम से बचपन को दोस्त को खोजा

नेहा नाम की एक लड़की ने इंस्टाग्राम पोस्ट लिखकर बताया कि वह अपनी बचपन की मित्र को खोज रही थी। जिसका नाम लक्षिता था। नेहा को लक्षिता नाम तो याद था लेकिन सरनेम वह भूल गई थीं। इसके बाद नेहा लक्षिता को खोजने के लिए इंस्टाग्राम का सहारा लिया और एक तरकीब अपनाई। जिससे 18 साल बाद वह अपनी बचपन की सहेली से मिल पाई।

बड़ी संख्या में लड़कियों को किया मैसेज

नेहा ने इंस्टाग्राम पर लगभग सभी लक्षिता नाम की लड़कियों को मैसेज भेज कर पूछा और कहा कि क्या वह इस फोटो को जानती हैं? बड़ी संख्या में लक्षिता नाम की लड़कियों को मैसेज भेजने के बाद एक लड़की मिली, जिसने कहा कि हां, तस्वीर में दिखा रही लक्षिता वही है।

आखिर मिल ही गई बचपन की दोस्त

नेहा ने पोस्ट लिखकर बताया कि अंत में मैंने तुम्हें खोज ही लिया। ख़ैर, तुम्हें ढूँढना आसान नहीं था लेकिन फिर भी मैंने ये कर किया। लगभग 18 साल बाद मिलना सच नहीं लग रहा है। हम LKG (2006) में मेरी एक दोस्त थी जिसका नाम “लक्षिता” था और वो जयपुर चली गई तो मेरा उससे संपर्क टूट गया। मुझे उसका सरनेम भी याद नहीं आ रहा था। इसके बाद मैं उससे ऐसे मिली।

एक यूजर ने लिखा, “एक बार मैंने भी अपने एक दोस्त को खोजने के लिए यही किया था तो उसने मुझे ब्लाक कर दिया था।” रजनीश नाम के यूजर ने लिखा, “मैंने भी सारे राहुल को फेसबुक पर मैसेज किया, लगभग 1000 से अधिक मैसेज करने के बाद राहुल मेरा सेकेंड क्लास का दोस्त मिल गया। उसके बाद एक दिन हमने कॉल किया और उसने कुछ पैसे मांगे मैंने दिए. उसने मुझे ब्लॉक कर दिया।”

एक यूजर ने लिखा, “यार ये कहानी बड़ी झूठी सी लग रही है। थोड़ा झूठ और मिलाते तो सच लगती।” आदित्य नाम के यूजर ने लिखा, “किस्मत है कि लक्षिता थोड़ा दुर्लभ नाम है, कभी खुशी या प्रिया नाम की लड़की को सर्च करना बिना सरनेम याद रखे।” एक अन्य यूजर ने लिखा कि मैं भी अपने फ्रेंड को खोज रहा हूं, क्या वो भी मिल जाएंगी?