वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा केंद्रीय बजट में अफगानिस्तान के लिए 2.5 करोड़ डॉलर के विकास सहायता पैकेज देने का ऐलान किया है। तालिबान ने भारत से मिली सहायता राशि पर ख़ुशी जाहिर की है। तालिबान ने कहा कि ‘इससे दोनों देशों के बीच संबंध और विश्वास बेहतर होंगे। हम विकास के लिए मिली सहायता की सराहना करते हैं।’ सोशल मीडिया पर तमाम लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
आप नेताओं ने बोला हमला
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने ट्वीट कर लिखा कि ”अपने देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्ली का फंड काट कर तालिबान को फंड देना क्या सही है? लोग इसका सख़्त विरोध कर रहे हैं।” वहीं आप सांसद संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) ने ट्वीट कर कहा कि मोदी जी का ‘अमृत’ तालिबान पर बरस रहा है। वाह मोदी जी वाह! सोशल मीडिया पर आम लोग भी इस अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
@arvindsing यूजर ने लिखा कि ये सब अफगानिस्तान के लिए है, हम लोगो ने वहां पहले भी सुविधाओं को सुधारा था, आगे भी सुधारेंगे। अफगानिस्तान हमारा भाई है। मोदी का विरोध करो लेकिन भारत के भाइयों को नहीं। @ankurkumar083 यूजर ने लिखा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट घटाकर तालिबान को 200 करोड़ का पैकेज, ऐसे कैसे आत्मनिर्भर बनेगा भारत नरेंद्र मोदी जी?
@GhanendraB यूजर ने लिखा कि पूरा देश देख रहा है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाले अब तालिबान की आर्थिक सहायता कर रहे हैं, दिल्ली के LG साहब सरकारी स्कूलों के टीचर्स को फिनलैंड यह कहकर जाने नहीं देते कि इससे कुछ फायदा नहीं होने वाला लेकिन तालिबान को आर्थिक सहायता देने से देश का क्या फायदा होगा, यह समझ से बाहर है। @NadeemRamAli यूजर ने लिखा कि मोदी सरकार तालिबानी प्रेमी है इसलिए भारत में भी तालिबानीकरण लागू कर रहे हैं। हिंदू राष्ट्र उसी का एक कदम है।
बता दें कि साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध कड़वे हो गए थे और भारत ने मदद करना बंद कर दिया था। इसके बाद तालिबान की तरफ से कहा गया था कि ‘अफगानिस्तान में कई प्रोजेक्ट थे जिन्हें भारत फंड कर रहा था। अगर भारत इन परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करता है, तो यह दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देगा और अविश्वास को खत्म करेगा।’