Delhi Chief Minister Name: दिल्ली चुनाव परिणाम आठ फरवरी को घोषित कर दिए गए थे लेकिन बीजेपी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी नेताओं की तरफ दावा किया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान कल (19 फरवरी) यह तय कर लेगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद कौन संभालेगा और अगले दिन 20 फरवरी को मुख्यमंत्री व मंत्री परिषद का शपथ समारोह आयोजित किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ समारोह की तैयारियां रामलीला मैदान में चल रही हैं।

बीजेपी नेता तरुण चुग ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली की जनता ने पीएम मोदी को भरपूर आशीर्वाद दिया है। 20 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है, दिल्ली का हर व्यक्ति उत्साहित है। लोग हमसे संपर्क कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं। बीजेपी दिल्ली की जनता की इच्छाओं को पूरा करने के लिए काम कर रही है।

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कौन बन सकता है दिल्ली का मुख्यमंत्री?

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस में बीजेपी के कई नेताओं के नाम हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करीबी मुकाबले में 4089 वोटों से मात दी थी। प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 30,088 वोट जबकि अरविंद केजरीवाल को 25999 प्राप्त हुए थे। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के संदीप दीक्षित को 4568 वोट प्राप्त हुए थे, जो हार और जीत के अंतर से ज्यादा है।

मुख्यमंत्री पद की रेस में बीजेपी के जिन अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं, उनमें पूर्वांचली चेहरे और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, पूर्वी दिल्ली के सांसद हर्ष मल्होत्रा, नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज का नाम शामिल है। हालांकि कई बीजेपी नेताओं का कहना है कि ऐसी संभावनाएं बेहद कम है कि पार्टी किसी सांसद को दिल्ली के सीएम पद की कमान सौंपे। 

जिन विधायकों का दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए नाम चल रहा है, उनमें पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता (लगातार चौथी बार विधायक बने) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के अलावा शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता और ग्रेटर कैलाश की विधायक शिखा राय शामिल हैं।

क्या चौंकाएगी बीजेपी?

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली का सीएम चुनते समय पार्टी को जेंडर बैलेंस के अलावा जाति और समुदाय का भी खास ख्याल रखना होगा। तीन दशक बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर रही है, इस वजह से सीएम का चुनाव करते समय उसे यह भी ध्यान रखना होगा कि वह विपक्षी दलों के तमाम जाति संबंधी आरोपों की काट करने वाला हो। दिल्ली में अब आम आदमी पार्टी का क्या है भविष्य? पढ़ने के लिए क्लिक करें