कश्मीर घाटी में शनिवार (5 जुलाई) को सात दशकों में सबसे ज़्यादा तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पहलगाम के लोकप्रिय स्वास्थ्य रिसॉर्ट में अब तक का सबसे ज़्यादा तापमान दर्ज किया गया। ये रिकॉर्ड तोड़ने वाले तापमान घाटी में पिछले पांच दशकों में सबसे ज़्यादा गर्म जून के बाद आए हैं।
कश्मीर घाटी में आमतौर पर मौसम ठंडा रहता है और चार अलग-अलग ऋतुएं होती हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद और शीत। वसंत (मार्च से मई) और शरद (सितंबर से नवंबर) आमतौर पर सुहावने होते हैं, जबकि सर्दियों (दिसंबर से फरवरी) में तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है, ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मध्यम बर्फबारी होती है।
जम्मू-कश्मीर में गर्मी
गर्मियां (जून से अगस्त) तक हल्की होती हैं जहां दिन का तापमान शहरी इलाकों में 36 डिग्री सेल्सियस तक और गुलमर्ग-पहलगाम जैसे रिसॉर्ट्स में लगभग 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। हाल के वर्षों में, कश्मीर का मौसम लगातार अनिश्चित होता जा रहा है। घाटी में लंबे समय तक सूखा रहा है और तापमान में लगातार वृद्धि हुई है। इस साल, लगभग 50 सालों में जून का महीना सबसे गर्म रहा जिसमें दिन का तापमान सामान्य से लगभग तीन डिग्री अधिक रहा।
शनिवार (5 जुलाई) को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया—जो पिछले सात दशकों में सबसे ज़्यादा और शहर में अब तक का तीसरा सबसे ज़्यादा तापमान है। 1953 में इसी दिन श्रीनगर में थोड़ा ज़्यादा 37.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। अब तक का रिकॉर्ड 38.3 डिग्री सेल्सियस है, जो 10 जुलाई, 1946 को दर्ज किया गया था।
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कश्मीर के तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण
श्रीनगर स्थित भारतीय मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने तापमान वृद्धि के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया। अहमद ने कहा, “सबसे पहले, ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में तापमान बढ़ रहा है। कश्मीर में, पहले जब भी तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार जाता था, बारिश होती थी जिससे राहत मिलती थी। लेकिन अब हम लंबे समय तक सूखे की स्थिति देख रहे हैं।” उन्होंने बताया कि इसका एक मुख्य कारण जलवाष्प की कम उपलब्धता है। पहाड़ों पर बहुत कम बर्फबारी हुई है और जो भी बर्फ गिरती है वह मार्च तक पिघल जाती है। मुख्तार अहमद ने शहरी ताप द्वीपों (UHI) की भूमिका की ओर भी इशारा किया जो गर्मी को बढ़ाते हैं।
Urban Heat Island क्या हैं और वे तापमान को किस तरह प्रभावित करते हैं?
UHI एक महानगरीय या शहरी क्षेत्र है जो अपने आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी गर्म होता है। UHI का निर्माण तेजी से शहरीकरण, कंक्रीटीकरण, कम जल निकायों और कम वनस्पति के कारण होता है। घाटी के शहरी इलाकों खासकर श्रीनगर इस तरह बसाया गया है कि आसपास के ग्रामीण इलाकों की तुलना में हरियाली के लिए बहुत कम जगह बचती है। शहरी सतहें ज़्यादा गर्मी सोख लेती हैं, जिससे तापमान बढ़ता है। वाहनों की आवाजाही और औद्योगिक गतिविधियां स्थिति को और बिगाड़ देती हैं। पढ़ें- आज का मौसम कैसा रहेगा की जानकारी