मंगलवार को यूपी के गाजियाबाद में कोर्ट में जज साहब और वकीलों की बहस के बाद जमकर बवाल हुआ। मामले को बढ़ता देख गाजियाबाद पुलिस को कोर्ट रूम में ही लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के कुछ ही मिनटों में घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। इसके साथ ही लोग गाजियाबाद कोर्ट रूम में हुई घटना की जानकारी के लिए गूगल पर सर्च करने लगे।

गाजियाबाद कोर्ट में क्यों हुई जज साहब और वकीलों की बहस?

न्यूज एजेंसी भाषा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद में मंगलवार सुबह करीब 11 बजे जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के अंदर अग्रिम जमानत के एक मामले की सुनवाई को लेकर सत्र न्यायाधीश और वकीलों के बीच बहस के बाद अफरा-तफरी मच गई।

गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बताया, “वकीलों के एक समूह ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश पर दबाव डालने की कोशिश की और हमला करने का प्रयास किया।” उन्होंने बताया कि बाद में एक स्थानीय पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई।

नाम न छापने की शर्त पर एक वकील ने पीटीआई को वकीलों के एक समूह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार से अग्रिम जमानत के एक मामले की प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने की मांग की, जिसके लिए उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई संख्या के अनुसार की जाएगी।

उन्होंने दावा किया, “इस पर वकीलों के एक समूह ने जिला न्यायाधीश के खिलाफ नारेबाजी की। मामला तब बिगड़ गया जब अदालती कार्यवाही बाधित हुई और न्यायाधीश ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने अदालत कक्ष में पहुंचकर लाठियां बरसाईं, जिससे 12 से अधिक वकील घायल हो गए।”

हाईकोर्ट के वकील के की गई शिकायत

गाजियाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने घटना की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी है। शिकायत में उन्होंने दावा किया है कि मंगलवार सुबह 11 बजे वकील जितेंद्र सिंह और अभिषेक यादव अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए अदालत पहुंचे। उन्होंने बताया कि अदालत में भीड़भाड़ होने के कारण वकीलों ने जिला जज से प्राथमिकता के आधार पर दलीलें सुनने या मामले को किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर करने का आग्रह किया।

नाहर सिंह यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी शिकायत में आरोप लगाया, “जिला जज ने अपना आपा खो दिया। वह अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और अपना कोट, गाउन उतार दिया तथा वकीलों को अपशब्द कहे।” 

शिकायत में कहा गया, “जिला जज ने पुलिस बल को बुलाया। पुलिस उपायुक्त (सिटी जोन) राजेश कुमार सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त (कविनगर) अभिषेक श्रीवास्तव की मौजूदगी में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके कारण 12 से अधिक वकील घायल हो गए।”

उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को तुरंत सुरक्षित रखने की भी मांग की, ताकि पूरा घटनाक्रम स्पष्ट हो सके। शिकायत पर आठ वकीलों के साइन हैं।

पुलिस ने क्या कहा?

गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बयान में कहा, “वकील नाहर सिंह यादव (बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजवादी पार्टी के एक नेता), वकील अभिषेक यादव, वकील औरंगजेब खान, वकील बिलाल अहमद ने अपने साथी वकीललों के साथ जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला जज पर दबाव बनाने की कोशिश की और हमला करने का प्रयास किया।”

पुलिस आयुक्त ने कहा, “पुलिस ने उचित हस्तक्षेप किया और हल्का बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर किया। इस बीच, वकीलों के एक समूह ने पुलिस चौकी में आग लगा दी।”