Google Trends: राजस्व और भूमि सुधार विभाग की सख़्ती आखिर रंग लाई है। लंबे समय से हड़ताल पर चल रहे संविदाकर्मी धीरे-धीरे काम पर लौटने लगे हैं। शुक्रवार को ही 2827 संविदाकर्मी ड्यूटी पर वापस आ गए। विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि 30 सितंबर शनिवार शाम तक जो लौटेगा, उसकी नौकरी बची रहेगी, वरना सीधी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
हड़ताल तोड़ने के लिए विभाग ने पहले ही घोषणा की थी कि तय समयसीमा के बाद किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। इसका असर साफ दिख रहा है और धीरे-धीरे हड़ताली कर्मियों की संख्या घटने लगी है।
रैयतों में दिख रहा उत्साह
राजस्व महाअभियान को लेकर आम लोगों, यानी रैयतों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक करीब दो लाख आवेदन विभिन्न शिविरों में जमा किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा आवेदन अररिया से आए हैं, जहां 21,849 रैयतों ने फॉर्म भरे। औरंगाबाद से 16,216, पटना से 10,947, गया से 10,082 और खगड़िया से 9,251 आवेदन दर्ज हुए हैं।
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किस काम के लिए आ रहे आवेदन
ये आवेदन मुख्य रूप से ऑनलाइन जमाबंदी में गलती सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने, बंटवारा नामांतरण और उत्तराधिकार नामांतरण से जुड़े हैं। लोगों का कहना है कि इस अभियान से उनकी पुरानी परेशानियां अब खत्म होंगी।
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जमाबंदी पंजी वितरण में ये जिले आगे
विभाग ने शुक्रवार को ताजा आंकड़े भी जारी किए। बताया गया कि कुल 3 करोड़ 60 लाख जमाबंदी पंजी में से अब तक 55% रैयतों को वितरित किए जा चुके हैं। इसमें सीतामढ़ी सबसे आगे है, जहां 89.99% पंजी का वितरण हुआ। इसके बाद वैशाली 86.19%, जहानाबाद 83.38%, गोपालगंज 81.16% और शेखपुरा 80.73% के साथ टॉप 5 जिलों में हैं।
विभाग ने अंतिम अल्टीमेटम देकर साफ कर दिया है कि अब हड़ताल की कोई गुंजाइश नहीं बची। यानी, जो काम पर लौटेगा वही बचेगा, वरना बाहर का रास्ता तय है।