भारतीय जनता पार्टी, दिल्‍ली के नव‍नियुक्‍त अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने राष्‍ट्रीय राजधानी को पूर्ण राज्‍य का दर्जा न दिए जाने की वकालत की है। इसे पूर्ण राज्‍य के मसले पर भाजपा के ‘यू-टर्न’ के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा कई सालों तक दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग करती रही है। एक इंटरव्‍यू में तिवारी ने कहा कि दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य बनाए जाने से देश के संघीय ढांचे को खतरा हो सकता है। शुक्रवार को इंटरव्‍यू में तिवारी ने कहा था कि ‘जिस तरह सभी राज्‍यों की राजधानी होती है, ठीक उसी तरह देश की राजधानी दिल्‍ली है। इसे अलग राज्‍य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।’ हालांकि उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश में अलग ‘पूर्वांचल’ की मांग करते हुए कहा कि पूर्वांचल को अलग राज्‍य बनाना चाहिए क्‍योंकि ‘छोटे राज्‍य ज्‍यादा तेजी से तरक्‍की करते हैं।’ तिवारी 30 नवंबर को दिल्‍ली बीजेपी के नए मुखिया नियुक्‍त किए गए थे, वह सतीश उपाध्‍याय की जगह पर आए हैं। सोशल मीडिया पर तिवारी के इस बयान की खासी आलोचना हो रही है।

ट्विटर पर #FullStatehood4Delhi हैशटैग के तहत बीजेपी के ‘यू-टर्न’ की निंदा हो रही है। लुब्‍ना लिखती हैं, ‘भाजपा #FullStatehood4Delhi का विरोध करके दिल्ली वालों को दोयम दर्जे में क्यों रखना चाहती है?’ कई बीजेपी नेताओं के पुराने ट्वीट भी शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें उन्‍होंने केंद्र की सत्‍ता में आने पर दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा देने का आश्‍वासन दिया था। मनोज तिवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्‍ली की लड़कियों पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी की थी। उनके इस ट्वीट का स्‍क्रीनशॉट भी शेयर हो रहा है। हालांकि तिवारी ने ऐसा कोई बयान देने की बात से इनकार किया है।

देखें, सोशल मीडिया पर कैसे घिरी बीजेपी: 

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के ‘यू-टर्न’ पर निशाना साधा है। इस मुद्दे को लेकर तिवारी और केजरीवाल के बीच ट्विटर पर नोंकझोंक भी हुई। केजरीवाल ने तिवारी के बयान पर ट्वीट किया ‘‘यह दिल्ली के लोगों के लिए अपमानजनक है। भाजपा दिल्लीवासियों को पूर्ण नागरिक का अधिकार नहीं देना चाहती, उन्हें खुद के देश में दूसरे दर्जे का नागरिक बनाए रखना चाहती है।”

इसके जवाब में तिवारी ने कहा, ‘‘कम से कम पूरा बयान सुनिए। विरोध करने में जल्दबाजी क्यों? मैं आपको कल पूरा वीडियो भेजूंगा। आपने एक एक झूठी खबर का इस्तेमाल किया।”