भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय 5G स्प्रेक्ट्र्म की नीलामी के बाद फिर चर्चा में हैं। आईएएस ऑफिसर रहे विनोद राय कैग के अलावा BCCI समेत कई अन्य संस्थाओं में भी रहे हैं। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद उन पर विपक्ष विनोद राय का नाम लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। आपको बता दें कि कैग रहते हुए विनोद राय ने ही UPA के शासनकाल में हुए 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में घोटाले का दावा किया था, जिससे सरकार की खासी किरकिरी हुई थी।
1 लाख 50 हजार करोड़ में हुई 5 स्पेक्ट्रम की नीलामी
दरअसल एक अगस्त को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई। इस नीलामी से सरकार को 1 लाख 50 हजार करोड़ का राजस्व मिला है, यह जानकारी दूर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। इस जानकारी के सामने आते ही लोग विनोद राय और 2008 की 2 जी स्पेक्ट्रम नीलामी को लेकर CAG की रिपोर्ट को याद करने लगे। लोगों का सवाल है कि अगर कैग की रिपोर्ट के अनुसार, जब 2008 में 2जी के लिए सरकार को कम से कम 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए अधिक मिल सकते थे तो 5जी की नीलामी से कुल इतना पैसा ही कैसे मिला?
2G स्पेक्ट्रम में लगाया था घोटाले का आरोप
पूर्व कैग विनोद राय ने ही यूपीए सरकार के समय हुए 2G स्पेक्ट्रम के बंटवारे में गडबड़ी और सरकार को वित्तीय नुकसान की बात कही थी। हालांकि बाद में CBI कोर्ट ने आरोपी ए राजा को बरी कर दिया और कहा था, ‘कुछ लोगों ने इस मामले में कुछ चुनिंदा तथ्य उठाए और अपने हिसाब से इसे घोटाला बता दे दिया।’ CAG ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि ‘नीलामी में घोटाला हुआ था, जिसकी वजह से सरकार 1.76 लाख करोड़ के नुकसान की बात कही गई थी।
मनीष तिवारी ने बोला हमला
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि “नवंबर 2010 में पूर्व सीएजी विनोद राय ने 2-जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में 1.76 लाख करोड़ के अनुमानित नुकसान का आरोप लगाकर भारत की छवि खराब की। 12 साल बाद बहुत बेहतर 5जी तकनीक के लिए सरकार को नीलामी में केवल 1.5 लाख करोड़ ही मिल सके। राय किसका एजेंट था?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कसा तंज
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि “विनोद राय ने काल्पनिक दावा किया था कि 2जी नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रु रुपये का नुकसान हुआ था। 5G की तुलना में 2G तकनीक पुरानी है, 5G नीलामी से भी केवल 1.50 लाख करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं। वास्तव में विनोद राय ने स्पेक्ट्रम में निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं किया। क्या मोदी जी ने उन्हें पर्याप्त इनाम दिया? उनसे पूछा जाना चाहिए।”
फिलहाल कहां हैं विनोद राय?
पूर्व CAG विनोद राय को मार्च में कल्याण ज्वेलर्स इंडिया लिमिटेड ने कंपनी का चेयरमैन और स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशक बनाया है। वह दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड BCCI के प्रशासकों की समिति (CoA) के प्रमुख रह चुके हैं। विनोद राय संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। विनोद राय को उनकी सेवाओं के लिए देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।