केंद्र सरकार द्वारा सेना में लाई गई नई भर्ती की योजना पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी बीच फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने पीएम नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर किया है। जिसमे वह सेना का जिक्र करते हुए अपना एक के साथ साझा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने एक गलती भी कर दी थी। जिस पर फिल्ममेकर ने चुटकी ली है।

फिल्ममेकर ने शेयर किया यह वीडियो : इस वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं कि जब वह चौथी कक्षा में थे तो उन्होंने पहली बार पोस्ट ऑफिस देखा था। उस दौरान उन्होंने 2 रुपए इकट्ठा करके पोस्ट ऑफिस के माध्यम जामनगर के सैनिक स्कूल से एडमिशन के लिए वहां का प्रोस्पेक्टस मंगाया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें उस उम्र में लगता था कि देश की सेवा करने का मतलब केवल सेना में जाना होता है।

उन्होंने आगे बताया कि इस बारे में अपने पिताजी से जब बताया तो उन्होंने कहा कि यह हमारे बस की बात नहीं, हम या नहीं कर सकते हैं। पीएम मोदी आगे कहते हैं, ‘उसके बाद जब 1962 में लड़ाई हुई तो मैं उस समय छठवीं या सातवीं कक्षा में पढ़ता था। उस दौरान मुझे पता चला था कि युद्ध में जाने वाले सैनिक महेसाना स्टेशन से जा रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि उस छोटी सी उम्र में सेना के जवानों को चाय और नाश्ता देने के लिए मेहसाना स्टेशन गया था।

विनोद कापड़ी ने लिखी यह बात : वीडियो शेयर करते हुए विनोद कापड़ी ने कमेंट किया, ‘किंकर्तव्यविमूढ़ का अर्थ जानते हैं? नहीं , तो ये सुनिए। 1961 मे जब जामनगर सैनिक स्कूल (गूगल देखें ) खुला तो 11 साल की उम्र में मोदी चौथी क्लास में थे और सैनिक स्कूल में जाना चाहते थे पर एक साल बाद 1962 के युद्ध के दौरान वो अचानक एक ही साल में छठी/सातवीं क्लास में आ गए।’

लोगों के कमेंट्स : मंजूल नाम के टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया – एक फिल्म वार का मसाला तो दे दिया है आपको। बना डालिए काका 420। आलोक नाम के एक यूजर ने कमेंट किया, ‘ जामनगर सैनिक स्कूल में छठी क्लास से एडमिशन शुरू होता है लेकिन उन्होंने दो साल पहले ही प्रोस्पेक्टस मंगा लिया था।’

राजेश कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा कि यह दैवीय मास्टर स्ट्रोक है साहब का। आप नेता सोमनाथ भारती ने इस वीडियो पर लिखा कि जिस हिसाब से मोदी जी ने पॉलिटिकल साइंस में M.A किया है, उनके लिए चौथी से छठी में जाना कोई बड़ी बात नहीं है। वो चाहते हैं कि भारत इस प्रकार की चर्चा में उलझ कर देश की हो रही दुर्दशा को ना समझ पाए। राजकुमार नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि अगर झूठ बोलने की कला सिखाने का कोई कॉलेज खुले तो निसंदेह उसका प्रिंसिपल इन्हें ही बनाया जाएगा।