पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित विवादास्पद टिप्पणी के मामले में निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जुमे की नमाज के बाद देश के कई शहरों में प्रदर्शन किया गया। दिल्ली की जामा मस्जिद से लेकर, कर्नाटक, यूपी और झारखंड से भी प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आईं हैं।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग कई तरह की प्रतिक्रिया लिख रहे हैं। ज्यादातर सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि संविधान को अपना काम करने देना चाहिए, कानून को अपने हाथ में लेना कहीं से भी सही नहीं है। इसी बीच फिल्म मेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया, ‘ प्रार्थना तो बहाना है, असल में अपनी ताकत को दर्शाना है।’
लोगों के रिएक्शन : अशोक पंडित द्वारा किए गए ट्वीट पर तो कल मीडिया यूजर्स अपनी बातें कहते नजर आ रहे हैं। अतुल नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – इबादत तो बहाना है, असली मकसद हिंदुओं को अपनी ताकत दिखाना है। देवेश कुमार त्यागी नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि इकट्ठा होकर मस्जिदों से जुम्मे की नमाज को तत्काल प्रभाव से बंद करो मोदी सरकार। यह लोग अल्लाह की इबादत के लिए नहीं बल्कि जेहाद के लिए एक साथ जुट रहे हैं।
अकरम खान नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ अगर नूपुर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया जाए तो यह सब नहीं हो।’ विवेक शर्मा नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – कश्मीरी पंडित आजकल प्रार्थना के ही भरोसे हैं। उनका मजाक क्यों उड़ा रहे हो अशोक पंडित जी? या हनुमान चालीसा पर है ये ट्वीट? सूरज नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि सभी विपक्षी दलों के समर्थन में उन्हें पहले से ही शक्तिशाली बना दिया है और अब वर्तमान सरकार भी शांति दूतों के सामने झुक गई है।
धीरज त्रिपाठी नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं कि संविधान में सबको प्रदर्शन करने का अधिकार दिया गया है लेकिन जब विवादित बयान देने के मामले में नूपुर शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है तो इस तरह की हरकत क्यों की जा रही है? राकेश नाम के एक यूजर ने सवाल किया – जो मस्जिद के बाहर हाथों में हथियार लेकर रामनवमी पर जुलूस निकाल रहे थे? वह क्या था?