सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने मजदूरों पर फूल बरसाए। इसके साथ ही उन्होंने साथ में बैठकर ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। कॉरिडोर को बनाने वाले लगभग 2500 मजदूरों के साथ पीएम ने पंगत में बैठकर भोजन किया। कार्यक्रम की इन तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर कई प्रकार की प्रतिक्रिया आई। कुछ यूजर्स पीएम मोदी की तारीफ करते नजर आ रहे हैं तो कुछ यूजर्स उन पर तंज कस रहे हैं।
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने पीएम मोदी की मजदूरों पर फूल बरसाते हुए फोटो शेयर की। जिसके साथ उन्होंने लिखा कि पुष्प वर्षा से अच्छा था कि रोटी रोजगार की व्यवस्था कर देते साहब। विनोद कापड़ी ने लिखा की बड़ी जिज्ञासा है ये जानने की कि इवेंट/ ड्रामा के ये आइडिया खुद प्रधानमंत्री सोचते हैं या टीम में कोई बहुत ही प्रतिभाशाली व्यक्ति है।
रुबिका लियाकत ने मजदूरों के साथ भोजन करते पीएम मोदी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये तस्वीर बहुत खूबसूरत ही नहीं एक संदेश भी है। पीएम का भोज पंडितों के साथ हो सकता था, नेताओं के साथ हो सकता था लेकिन उन्होंने असल हीरोज को चुना। जिनके बगैर आज का दिन देश को नसीब न होता। रिचा अनिरुद्ध लिखती हैं कि ये शायद पूरे आयोजन की सबसे खूबसूरत तस्वीरें हैं। आखिरकार हम काशी विश्वनाथ के इस रूप के साक्षी बन पाए।
रणविजय सिंह नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि जब मजदूर पैदल चल रहे थे, लाठियां खा रहे थे, कट कुचल कर मार रहे थे तब कहां थे। अजय राय (@rrajayIN) नाम के टि्वटर हैंडल से कमेंट आया कि वाह मोदी जी वाह…. फूल बरसाने से पहले ये पूछ लेते इनसे कि इनका घर कैसे चल रहा है। दो टाइम का खाना खा पा रहे हैं या नहीं।
राज (RubenRa49943351) नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि गरीब की इतनी ही चिंता है तो मोदी सरसों तेल का रेट कम करो, महंगाई कम करो। आपके पुष्पवर्षा से नेता खुश हो सकते हैं लेकिन गरीब नहीं। अयोध्या तिवारी (@TiwariAyodhya) नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ही सूत्र है कुछ काम भले ना करो लेकिन अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए जनभावनाओं का इस्तेमाल करना जरूर आना चाहिए।