दृष्टि आईएएस के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनकी क्लास की छोटी – छोटी क्लिप सोशल मीडिया पर खूब देखी जाती है। वह यह भी बताते हैं कि केवल तैयारी करने वाले बच्चे ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी उनके वीडियो देखकर ज्ञान अर्जित करते हैं। हाल में ही एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे विकास दिव्यकीर्ति ने पढ़ाई लिखाई से संबंधित कई तरह के सवालों का जवाब दिया।
विकास दिव्यकीर्ति से किए गए ऐसे सवाल
समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे विकास दिव्यकीर्ति से एंकर द्वारा सवाल किया गया कि वह अंग्रेजी की क्लास में भी हिंदी भाषा में क्यों पढ़ाने लगते हैं? इंग्लिश की क्लास में भी आप 40% हिंदी में बात करते हैं। इसके पीछे का कारण क्या है, क्या इंग्लिश पढ़ाना इतना जरूरी हो गया है कि फिर भी आपको हिंदी में बात करनी पड़ रही है?
दृष्टि आईएएस के फाउंडर ने हंसते हुए दिया ऐसा जवाब
दृष्टि आईएएस के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति ने इस सवाल पर हंसते हुए कहा, ‘हमें इंग्लिश में पढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं है। यहां पर परेशानी यह है कि आईएएस की तैयारी करने वाले 90% बच्चे हिंग्लिश समझते हैं, उनके लिए हिंदी समझने का विषय है और इंग्लिश लिखने के लिए है। क्लास में होने वाले मजेदार वाक्य को भी वह हिंदी में ही समझना ज्यादा बेहतर समझते हैं।
इसके साथ उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने 3 घंटे तक इंग्लिश में ही क्लास ली थी तो एक बच्चे ने कहा था कि आप सारी चीजें इंग्लिश में लिखवा दीजिए लेकिन क्लास में हिंदी ही बोलिए क्योंकि हमें समझ हिंदी में ही आता है। विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है। हमें जिस भाषा में समझ में आता है, उस भाषा में समझने की कोशिश करेंगे।
विकास दिव्यकीर्ति से पूछा- इंग्लिश वाले को ज्यादा मिलती है इज्जत?
इस सवाल के जवाब में विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि हमारे समाज में एक समस्या है कि इंग्लिश में बोलने वाला व्यक्ति कितनी भी बुरी बात बोल रहा हो लेकिन उसकी बात को लोग बहुत गंभीरता से लेते हैं क्योंकि वह इंग्लिश में बात कर रहा होता है। हिंदी में बात करने वाले के ऊपर एक दबाव होता है कि वह अपनी बात को इस तरह से बता सके कि जो वह बोल रहा है, वह सही है।