उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक मां को अपने मृतक बेटे के अंतिम दर्शन के लिए 14 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा। जब 14 महीने बाद बेटे का शव घर पहुंचा तो मां रोते-रोते बदहवास हो गई। गांव के तमाम लोग इकट्ठा हो गये थे, पूरा माहौल गमगीन था। बेटे का शव 3 हजार 496 किमी. दूर से मौत के करीब 14 महीने बाद वापस घर पहुंचा था।

30 मार्च 2022 को हुई थी युवक मौत

शाहजहांपुर के रहने वाले 34 साल का मोहम्मद आलम 2013 में सऊदी अरब के जेद्दा नौकरी करने गये थे, बीमारी के चलते 30 मार्च, 2022 को मौत हो गई थी। 24 अगस्त को भारतीय दूतावास ने मोहम्मद आलम के मौत की जानकारी शाहजहांपुर में रह रहे परिजनों को दी। दूतावास की तरफ से सवाल पूछा गया कि क्या शव को भारत लाना चाहते हैं या वहीं पर अंतिम संस्कार करना चाहते हैं?

मां चाहती थी कि वापस आये बेटे का शव

मोहम्मद आलम की पत्नी ने सऊदी अरब में ही अंतिम संस्कार करने की बात कही लेकिन आलम की मां अपने बेटे का अंतिम दर्शन करना चाहती थी। उन्होंने शव भारत लाने की मां की। इसके बाद आलम के शव पर लेप लगाकर मॉर्च्युरी में रख दिया गया। परिजन लगातार शव को भारत लाने की मांग सरकार और प्रशासन से करते रहे। 29 मई को आलम का शव घर पहुंचा तब उसकी मौत हुए 14 महीने बीत चुके थे।

मोहम्मद आलम के भाई ने कहा कि उसका पत्नी के साथ विवाद चल रहा था, पैसे के लिए उसने साऊदी अरब में ही अंतिम संस्कार करने की बात कह दी लेकिन हमें रिश्ते चाहिए थे, पैसे नहीं। हमने साफ-साफ कह दिया कि मेरे भाई की जो भी संपत्ति वहां है, उसे दान कर दिया जाए। बस मेरे भाई का शव घर तक पहुंचा दिया जाए।

तमाम कोशिशों के बाद 29 मई को मोहम्मद आलम का शव लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचा और फिर वहां से सड़क मार्ग से शाहजहांपुर पहुंचाया गया। बड़ी संख्या में गाँव के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और 14 महीने बाद वापस आये शव को अंतिम विदाई थी।