कर्तव्य पथ पर लगे जामुन के पेड़ में लगे फलों को अब आम लोग नहीं तोड़ पाएंगे क्योंकि CPWD सीपीडब्ल्यूडी विभाग ने नोटिस जारी कर बोली लगाने के लिए आमंत्रित कर दिया है। ऐसा कदम CPWD द्वारा इसलिए उठाया गया है कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी और पत्थर फेंककर फल तोड़ने पर रोक लग सकेगी। इससे लोगों को चोट लगने की संभावनाएं रहती हैं।
जामुन के फलों की नीलामी करेगा विभाग
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने एक खुली नीलामी के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को 31 अगस्त तक जामुन के फल इकट्ठा करने की अनुमति होगी। बता दें कि कर्तव्य पथ के दोनों किनारों पर कई जामुन के पेड़ हैं, जिनमें से कुछ लगभग 100 साल से भी पुराने हैं।
बड़ी संख्या में पहुँचते हैं पर्यटक
विभाग द्वारा जारी किए गये नोटिस में कहा गया है कि पेड़ को बिना नुकसान पहुंचाएं फलों को एकत्रित करना है। पेड़ कर्तव्य पथ और सी हेक्सागोन रोड के दोनों किनारों पर स्थित हैं, जिसे अब तक आम लोग ही तोड़ते और खाते थे। कर्तव्य पथ पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और वहां समय बिताते हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
अनिल यादव नाम के यूजर ने लिखा कि बड़े ही नेक विचार हैं, कर्तव्य पथ के ही क्यों, क्यों न पूरे देश में ये योजना लागू कर दी जाए और फिर कहा जाए कि हमने 9 साल में इतने के फल बेच दिए। @Aparna_oo7 यूजर ने लिखा कि भारत सरकार की अब ये नौबत आ गयी है कि जामुन बेचकर पैसे कमाए जायेंगे लेकिन मित्र का लाखों करोड़ों रुपया माफ कर दिया जाएगा। वाह अमृत काल में आपका स्वागत है। @verma_rupanshi यूजर ने लिखा कि वाह नौ साल में जामुन बेचने की नौबत आ गई। 70 साल से होते तो लग रहा मिट्टी भी बेचनी पड़ती… रेवेन्यू के लिए!
एक यूजर ने लिखा कि ये अच्छा कदम है, अगर सड़क पर गिरकर खराब होने वाले जामुन को बेचकर विभाग पैसा कमाना चाहता है तो इसमें बुराई क्या है? हां लेकिन इन्हें लोगों के लिए खुला रखना चाहिए। एक अन्य यूजर ने लिखा कि घास की भी जो कटाई और छंटाई होती हैं उसको भी बेचा जाए और पहले जो घास कटती थी उसका पैसा कहां गया इसकी भी जांच होनी चाहिए ।सरकार को घास बेचकर भी काफी पैसा मिलेगा।