वामपंथी नेता और पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक किसान की फोटो शेयर कर कश्मीर का मुद्दा उठाया है। इस पर कविता कृष्णन लोगों के निशाने पर आ गई हैं और सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही हैं। दरअसल अपने ट्वीट में कविता कृष्णन ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें एक किसान हाथ में ईंट लिए हुए एक पुलिसकर्मी के सामने खड़ा है, जब पुलिसकर्मी के हाथ में बंदूक दिखाई दे रही है। यह तस्वीर किसी किसान आंदोलन की लग रही है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए कविता कृष्णन ने लिखा कि “इस किसान को देखिए, जिसके हाथ में ईंट है और जो बंदूक के साथ खड़े पुलिसकर्मी का सामना कर रहा है। यदि आप ऐसा सोचते हैं कि किसान आतंकी होते हैं और मुझे उम्मीद है कि आप ऐसा नहीं सोचते होंगे। यदि आपको इस किसान के गुस्से से सहानुभूति है तो फिर मैं उम्मीद करती हूं कि आपको पत्थर हाथ में लिए किसी कश्मीर बच्चे को भी आतंकी कहते हुए एक बार सोचना चाहिए।”
वहीं कविता कृष्णन के इस ट्वीट से कई सोशल मीडिया यूजर्स बुरी तरह से नाराज हो गए हैं और उन्होंने वामपंथी नेता को ट्रोल करना शुरु कर दिया है। एक यूजर ने इस ट्वीट के जवाब में नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि ये किसान भारतीय सुरक्षाबलों को उनकी जमीन छोड़ने के लिए नहीं कह रहे हैं। साथ ही ये किसान हर रोज सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी नहीं करते हैं। साथ ही ये किसान अपनी पहचान एक भारतीय के तौर पर बताने में शर्म महसूस नहीं करते हैं! वहीं एक यूजर ने गूगल इमेज का गलत इस्तेमाल करने पर भी सीपीआई नेता को आड़े हाथों लिया। यूजर्स ने बताया कि यह तस्वीर साल 2013 में मेरठ में हुए जाट आरक्षण की है।
Look at the farmer with a brick in his hand, facing a cop with a gun.
If you don’t think the farmer is a terrorist – and I hope you don’t – if you empathise with his anger, I hope you’ll think again before you call a Kashmiri kid with a stone in his hand a terrorist. pic.twitter.com/7Omxax3sWj— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) October 2, 2018
एक अन्य यूजर ने लिखा कि किसी भी तरह की हिंसा फैलाना और सुरक्षाबलों पर हमला करना आतंकवाद की ही श्रेणी में आता है। ऐसे में ये आप फैसला करें कि कश्मीरी पत्थरबाज आतंकी हैं या नहीं! बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर वामपंथी नेता पहले भी केन्द्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं। बीते साल सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कश्मीर रणनीति के लिए अपने एक लेख में सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की जमकर आलोचना की थी। पीपल्स डेमोक्रेसी के एक अंक में प्रकाश करात ने अपने संपादकीय लेख में लिखा था कि मौजूदा व्यवस्था में भारतीय सेना की छवि के काफी नुकसान पहुंचा है। प्रकाश करात का यह बयान कश्मीर में मानव ढाल के मुद्दे पर सामने आया था।