विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी में लंबे समय तक रहने के बाद आरपीएन सिंह (रतनजीत प्रताप नारायण सिंह) ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। आरपीएन सिंह का बीजेपी में आना, स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से हुए नुकसान की भरपाई के तौर पर देखा जा रहा है। पूर्व कांग्रेस नेता सिंह के बीजेपी में जाने पर कांग्रेस के नेता यही कह रहे हैं कि उनके बीजेपी में जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता।
‘दोहरा मापदंड मेरी समझ से बाहर’: न्यूज 18 इंडिया के एक डिबेट में जब कांग्रेस प्रवक्ता से पूछा गया कि आरपीएन सिंह का कांग्रेस छोड़ना क्या एक झटका है या फिर आप इसके लिए पहले से तैयार थे? इसका जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि आरपीएन सिंह कांग्रेस छोड़े तो ये झटका और हरक सिंह रावत बीजेपी छोड़ दें तो ये झटका नहीं है। ये दोहरा मापदंड मेरी समझ से बाहर है।
‘उधार के सिंदूर से सुहागन बन रही बीजेपी’: मुकेश शर्मा ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि विपरीत परिस्थियों में आदमी को अपने विचारधारा के साथ खड़ा रहना चाहिए। चार दशक से जो व्यक्ति विचारधारा के साथ जुड़ा रहा, उसका अचानक बीजेपी में जाना और बीजेपी में मच रही खुशी पर इतना ही कहना चाहूंगा कि जैसे उधार का सिंदूर लेकर कोई सुहागन बनाना चाहता है। ऐसा कभी हुआ नहीं।
बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस पर किया पलटवार: कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी एक विचारधारा है और विचारधारा के साथ विपरीत परिस्थियों में वे लोग खड़े रहते हैं जो मज़बूत और शक्तिशाली होते हैं। आरपीएन सिंह को मेरी शुभकामनाएं। हमारे साथ करोड़ों लोग विचारधारा के साथ खड़े हैं। इस पर जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र है कि कभी खरीदकर कर सिंदूर लगाएंगे और कभी मांग कर सिंदूर लगाएंगे।
“सिंदूर लगा तो वो विवाहित, हमारी बहू”: गौरव भाटिया ने कहा कि ये भारत की संस्कृति को नहीं समझेंगे कि अगर मांग में सिंदूर लगा तो वो विवाहित है और वो हमारी बहू है। ये बात कांग्रेस की समझ में नहीं आती है। गौरव भाटिया ने कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज बताया है। साथ ही भाटिया ने तौकीर रजा और कांग्रेस के बीच हुई सांठ-गांठ पर भी सवाल उठाए।
बता दें कि आरपीएन सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य की एक ही क्षेत्र से आते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना सीट से बीजेपी आरपीएन सिंह को मैदान में उतार सकती है। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है कि वे पडरौना से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने इतना जरूर कहा है कि आरपीएन सिंह ‘राजा’ के नाम से जाने जाते हैं। मैदान में कोई भी आएगा, हम उसे हरा कर भेज देंगे।