कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी के सांसद शशि थरूर को फटकार लगाई है। सिंधिया ने कहा कि भारत के महाराजाओं पर बयान देने से पहले उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समाचार एजेंसी एएनआई को कहा, ‘मैं समझता हूं कि उन्हें इतिहास का अध्ययन करना चाहिए, मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और मुझे अपने विरासत और इतिहास पर गर्व है।’ ज्योतिरादित्य सिंधिया का ये बयान तब आया है जब शशि थरूर ने एक बयान में कहा था कि, ‘ आज जिन ‘तथाकथित जाबांज महाराजाओं’ जो कि एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, ये वही राजा- महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को ‘रौंद’ दिया था। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार मध्य प्रदेश में राजाओं के परिवार से आता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मध्य प्रदेश में महाराजा कहकर पुकारा जाता है।
I think he should study history, I am Jyotiraditya Scindia and I am proud of my past: Jyotiraditya Scindia on Shashi Tharoor’s Maharaja remark pic.twitter.com/N6s7AQzEFu
— ANI (@ANI) November 17, 2017
हालांकि शशि थरूर के इस बयान पर विवाद होने के बाद उन्होंने इस पर सफाई दी और इसके पीछे बीजेपी का हाथ बताया। थरूर ने कहा, ‘कुछ भाजपाई अंधभक्तों द्वारा साज़िशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के ख़िलाफ़ टिप्पणी की है। मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज़ हुकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए उन राजाओं की चर्चा की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ के साथ थे।’ थरूर ने ट्विट कर सफाई दी और कहा, ‘ मैं यह भी निर्भीक होकर कहूँगा की भारत की विविधता व समरस्ता के मद्देनजर राजपूत समाज की भावनाओं का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है। राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है व इस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता। भाजपा व उसके सेन्सर बोर्ड को इन भावनाओ का सम्मान करना चाहिए।’
1/2 कुछ भाजपाई अंधभक्तों द्वारा साज़िशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के ख़िलाफ़ टिप्पणी की हैI मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज़ हकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए ऊन राजाओं की चर्चा की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ के साथ थे।
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 16, 2017
2/2 मैं यह भी निर्भीक होकर कहूँगा की भारत की विविधता व समरस्ता के मध्यनज़र राजपूत समाज की भावनाओ का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है। राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है व ईस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता। भाजपा व उसके सेन्सर बोर्ड को ईन भावनाओ का सम्मान करना चाहिए।
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 16, 2017

