प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यूरोप के आधिकारिक दौरे पर गये। पीएमओ ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में भारतीय समुदाय की तरफ से पीएम की जोरदार स्वागत का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसमें कुछ लोग भगवा झंडा लहराते दिखाई दे रहे हैं। भगवा झंडे को लेकर ही विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के नेता भड़क गये और ट्विटर पर ही सवाल दागने लगे।
प्रधानमंत्री के ट्विटर अकाउंट से वीडियो शेयर किया गया, जिसमें कुछ लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए भगवा रंग के झंडे के साथ झूमते-गाते नजर आए। पीएमओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसी वीडियो को शेयर किया गया, जिसके के कैप्शन में लिखा है- ‘Brandenburg Gate पर भारत का फ्लेवर, एक नजर देखिए…’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने पूछा – “ ये ‘भारत’ का ‘राष्ट्रीय ध्वज’ तो नहीं है, मोदी जी!”
अभय तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्यों, अपने धर्म और संस्कृति के प्रतीक भगवा से दिक्कत हो रही है क्या?’ शैलेंद्र शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जरा कांग्रेस रूपी हरी पट्टी, आंखों से हटाकर कर देखो. आपको पीएम भी दिखाई देंगे और भारत का झंडा भी।’ दिव्यांश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘राष्ट्र ध्वज नहीं है ये तो अच्छी बात है, ऐसे उछाला नहीं जाता राष्ट्र ध्वज।’
हितेश वाजपेयी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जो ध्वज वाहक है, वो सेनानायक भी तो नहीं है माताजी! भगवे को लहराता देख सांप क्यों लोटता है आपके दिल में माता?’ उपेन्द्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘RSS के भगवे को देखकर हर भारतीय के छाती में सांप ही लोटेगा। मेरे तिरंगे का अपमान आपके पूर्वज भी करते रहे हैं। ये तो हिटलर की ही धरती है।’
सतीश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इसको मोदी जी नहीं फहरा रहे हैं। यह तो वहां रह रहे सनातनी लोग फहरा रहे हैं और यह उनका व्यक्तिगत मामला है।’ अभिनव वोहरा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मोदी जी, आपको यह समझ में कब आएगा कि दुनिया में हर गलत चीज की लिए आप जिम्मेदार हैं। अगर जर्मनी में किसी ने भगवा झंडा लहरा दिया तों आपको उस व्यक्ति को ऐसा करने से मना करना था और अपनी गलती मानते हुए पूरे भारत देश से माफी मांगनी चाहिए थी।’
अजय शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये भारत का सांस्कृतिक ध्वज है और जो लोग वहां आए हैं, वो अपनी संस्कृति को विदेशों में भी जीवित रखे हैं। जिसे हमारे देश में कम्यूनल करार दिया जाता है, शर्म की बात है ये।’ आशुतोष नाम के यूजर ने लिखा कि ‘नहीं, यह भारत का राष्ट्रीय ध्वज नहीं लेकिन भारत के तीन रंगों में से वो एक रंग है, जिसे सबसे ऊपर का दर्जा दिया गया है। ये वो ध्वज है, जिसे हर वीर योद्धाओं को याद कर फहराया जाता है, ये वो ध्वज है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज जी के नाम से याद किया जाता है।’