सोशल मीडिया पर मोदी सरकार से पत्रकारों के डरने के सवाल पर पत्रकार और एंकर रोहित सरदाना और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा में ट्विटर पर बहस हो गई। दरअसल पवन खेड़ा ने मोदी से डरने के सवाल पर पत्रकार रोहित सरदाना को घेरने की कोशिश की थी। खेड़ा ने सरदाना के पीएम मोदी से डरने की बात कही। पत्रकार रोहित सरदाना ने पवन खेड़ा की बात पर तल्ख जवाब दिया। इस वाक युद्ध में बाद में अन्य लोग भी शामिल होने लगे और कॉमेन्टस करने लगे।
दरअसल कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया था, ”सरदाना जी की ग़लती नहीं है। वे मोदी जी से अत्यंत भयभीत हैं। आजकल कुछ पत्रकार बहुत सहमे हुए रहते हैं। यह घिनौनापन पत्रकारिता क़तई नहीं हो सकता। पत्रकारिता के अच्छे दिन शीघ्र ही आएँगे।” ये बात पवन खेड़ा ने कांग्रेस के उस स्टैंड को पुख्ता करने के लिए कही थी, जिस पर कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान दिया था। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर पत्रकारों के दमन का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि राफेल विमान के सौदे पर खबर लिखने वाले पत्रकारों का सरकार दमन कर रही है।
पवन खेड़ा के इस बयान पर पत्रकार रोहित सरदाना ने तीखी टिप्पणी की। रोहित सरदाना ने अपने ट्वीट में जवाब दिया,”वैसे ही ‘अच्छे दिन’ आएँगे पत्रकारों के जैसे इंदिरा जी की सरकार में आए थे? मोदी जी से कोई भयभीत है या नहीं-आपकी पीड़ा ये नहीं. आपकी पीड़ा ये है कि अब आपसे भयभीत क्यों नहीं हो रहे!” आपको बता दें अपने ट्वीट में रोहित सरदाना ने इमरजेंसी के दौर की याद दिलाई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी थी।
सरदाना जी की ग़लती नहीं है। वे मोदी जी से अत्यंत भयभीत हैं। आजकल कुछ पत्रकार बहुत सहमे हुए रहते हैं। यह घिनौनापन पत्रकारिता क़तई नहीं हो सकता। पत्रकारिता के अच्छे दिन शीघ्र ही आएँगे https://t.co/98072Ciq5Y
— Pawan Khera (@Pawankhera) August 13, 2018
वैसे ही ‘अच्छे दिन’ आएँगे पत्रकारों के जैसे इंदिरा जी की सरकार में आए थे? मोदी जी से कोई भयभीत है या नहीं-आपकी पीड़ा ये नहीं. आपकी पीड़ा ये है कि अब आपसे भयभीत क्यों नहीं हो रहे! https://t.co/aWMPCv6VkN
— Rohit Sardana (@sardanarohit) August 14, 2018
सरदाना के इस बयान पर कई लोगों ने ट्वीट करके चुटकी ली। एक यूजर ने लिखा कि पवन खेड़ा पर खुद गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। पहले पवन खेड़ा उन्हीं आरोपों पर बहस करवा लें। इसके अलावा एक अन्य यूजर ने पवन खेड़ा का समर्थन करते हुए भी लिखा कि पवन खेड़ा ठीक कहते हैं। विपक्ष के आरोपों पर बहस करवाने की जगह न्यूज चैनल विपक्ष पर बहस करवा रहे हैं। ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।