भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर मांग काफी समय से हो रही है लेकिन इसको लेकर अक्सर विवाद और विरोध शुरू हो जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने साफ-साफ कहा है कि “एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी, जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।”
सीएम योगी ने कहा कि ‘जब हम परिवार नियोजन और जनसंख्या की बात करते हैं तो हमें इस बात को ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम आगे बढ़े लेकिन जनसांख्यिकी और असंतुलन की स्थिति ना पैदा होने पाए। ऐसा ना हो कि किसी वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड, प्रतिशत ज्यादा हो। जो मूल निवासी हो, उनकी आबादी के स्तरीकरण में जागरूकता के माध्यम से संतुलन पैदा करें।’
सीएम योगी ने कहा कि ‘यह एक चिंता का विषय है कि हर उस देश के लिए, जहां पर जनसंख्या असंतुलन की स्थिति पैदा होती है, इसका विपरीत असर पड़ता है। एक समय बाद वहां अराजकता जन्म लेने लगती है।’ योगी ने कहा कि ‘जब हम लोग जनसंख्या स्तरीकरण की बात करें तो जाति, धर्म, मजहब, क्षेत्र, भाषा सबसे ऊपर उठकर लोगों को जागरूकता के माध्यम से जोड़े जाने की आवश्यकता है।’
लोगों की प्रतिकियाएं: अब्दुल्ला अंसारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चाइना की आबादी भारत से ज्यादा है, चाइना हर क्षेत्र में हम से आगे हैं क्यों? इस पर डिबेट होनी चाहिए वह हमारी जमीन हथिया रहा है और हम मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं।’ अनुराग कृष्ण नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कहना क्या चाहते हैं महोदय ? जरा साफ साफ बोलिए, सरकारी आंकड़े तो कुछ और ही कहानी बताते हैं।’
राहुल कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘काम नहीं कर पा रहे हैं तो जनसंख्या की बात करते हैं।’ मोहन बिष्ट नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जब योजनाएं ही जाति और धर्म आधारित बनती है तो इन बातों का क्या मतलब?’ अंकित राजपूत ने लिखा कि ‘मुख्यमंत्री जी कानून बनाने से कुछ नहीं होगा, जब तक वह जमीनी स्तर पर लागू न किया जाए। कानून तो हेलमेट लगाने का भी है पर मानता कौन है?’
बता दें कि योगी ने कहा, “मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों साल लगे, लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 साल ही लगे। इस साल के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश है. जहां अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी।