भारत-पाकिस्तान के तनाव भरे संबंधों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तटीय शहर किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन से हाथ मिलाया। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता खुश नजर आए और मुस्कुरा कर बात करते देखे गए। समाचार एजेंसी एएनआई ने पीएम मोदी और पाकिस्तानी राष्ट्रपति की इस छोटी से गर्मजोशी भरी मुलाकात का वीडियो ट्वीट किया है। 19 सेकेंड के इस वीडियो में पीएम मोदी और ममनून हुसैन के अलावा चीन के राष्ट्रपति समेत और भी कई नेता दिखाई देते हैं। पीएम मोदी और ममनून हुसैन ने एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार करते हुए आपस में क्या बात की, यह जानकारी नहीं लग पाई है लेकिन दोनों की इस मुलाकात का वीडियो ऐसे वक्त में लोगों का खासा ध्यान खींचने वाला है जब सीमा पार से लगातार युद्ध विराम का उल्लंघन जारी और कश्मीर घाटी में पाक समर्थित आतंकवादियों का उत्पात कम नहीं हो रहा है। रविवार (10 जून) को ही घाटी के कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकवादियों की घुसपैठ नाकाम करते हुए सुरक्षा बलों ने 6 को ढेर कर दिया।

शंघाई सहयोग संगठन की शिखर वार्ता में भी पीएम मोदी ने आतंकवाद की समस्या पर प्रमुखता से अपनी बात रखी। उन्होंने पड़ोसी देशों के सामने अफगानिस्तान का जिक्र किया। पीएम ने कहा, ”आतंकवाद के असर का अफगानिस्तान एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। मुझे उम्मीद है कि क्षेत्र में राष्ट्रपति गनी के द्वारा शांति के लिए उठाए कदमों का सभी सम्मान करेंगे।” पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए पूरा सहयोग देने की बात कही। उन्होंने इस ओर भी ध्यान खींचा कि एससीओ के सदस्य देशों से केवल 6 फीसदी पर्यटक ही भारत आते हैं, इस संख्या को दोगुना किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, “हमारी साझा संस्कृति को लेकर जागरूकता बढ़ाने से यह संख्या बढ़ सकती है। हम भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल और बौद्ध महोत्सव का आयोजन करेंगे।”

बता दें कि एससीओ की स्थापना 2001 में चीन के शंघाई शहर में हुई थी। तब रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य देश थे। पिछले ही वर्ष भारत और पाकिस्तान भी इसके सदस्य बने। इस प्रकार एससीओ में अब आठ देश शामिल हैं, जिनकी कुल आबादी दुनिया की कुल आबादी का 42 प्रतिशत बताई जाती है और इन देशों की जीडीपी, दुनिया की कुल जीडीपी की 20 फीसदी है।