70 घंटे से ज़्यादा काम करने की सलाह दे चुके इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति का अब एक नया बयान सामने आया है, जिस पर सोशल मीडिया पर ज़ोरदार बहस छिड़ चुकी है।

दरअसल, नारायण मूर्ति ने चीन से सीखने की सलाह दी है। उनका कहना है कि भारत में भी युवाओं को ‘9-9-6 वर्क कल्चर’ फॉलो करना चाहिए। मूर्ति ने कहा है कि अगर भारत तेज़ी से आगे बढ़ना चाहता है और चीन जैसी विकसित अर्थव्यवस्था बनना चाहता है, तो भारतीय युवाओं को अपने काम करने के घंटे बढ़ाने होंगे।

क्या है 9-9-6 वर्क मॉडल?

जिस ‘9-9-6 वर्क मॉडल’ का ज़िक्र नारायण मूर्ति कर रहे हैं, उसे चीन की कई टेक कंपनियां शिद्दत से फ़ॉलो करती हैं।

9-9-6 मॉडल का सीधा मतलब है कि कोई भी कर्मचारी सुबह 9 बजे अपने ऑफिस पहुंचेगा और फिर रात 9 बजे तक काम करेगा। वह लगातार 6 दिन (सोमवार से शनिवार) इसी तरह से काम करता रहेगा। इस तरह, एक हफ़्ते में कम से कम वह 72 घंटे काम करेगा।

नारायण मूर्ति तो चाहते हैं कि भारत में 9-9-6 मॉडल लागू हो जाए, लेकिन अधिकतर देशों में अभी भी एक हफ़्ते में 40 से 48 घंटे के बीच ही काम होता है।

चीन में भी है इसका विरोध

हैरानी की बात यह है कि नारायण मूर्ति जिस वर्क कल्चर को इतना बढ़ावा दे रहे हैं, चीन के सुप्रीम कोर्ट ने ही 2021 में इसकी आलोचना की थी और इसे ‘अवैध’ तक बता दिया था।

लेकिन आज भी चीन की कई कंपनियाँ अदालत के फ़ैसले के बाद भी इस वर्क कल्चर को फ़ॉलो कर रही हैं। इसी संदर्भ में, नारायण मूर्ति ने भी अपने इंटरव्यू में कहा है कि आर्थिक मामले में चीन की तुलना में भारत अभी काफ़ी पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा है कि चीन की इकोनॉमी भारत से 6 गुना ज़्यादा बड़ी है। ऐसे में, देश को आगे ले जाने के लिए सभी वर्गों से एक अनुशासित तरीके से सहयोग की अपेक्षा रहेगी।