पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से दर्दनाक खबर है, यहां रेलवे पटरी पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से एक महिला और उसके बच्चे समेत तीन की मौत गई। घटना इतनी भवायह थी कि देखने वालों के रोंगटे खड़ हो गए, मां-बच्चे को बचाने के चक्कर में फल विक्रेता भी चपेट में आ गया और उसकी भी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, यह घटना शनिवार की रात श्यामनगर स्टेशन के पास हुई जिसके बाद स्थानीय लोगों ने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक घंटे तक पटरियां जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चलिए बताते हैं कि पूरी घटना क्या है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला अपने बच्चे के साथ पटरी पार कर रही थी तभी बच्चा उसके हाथ से फिसल कर नीचे उस पटरी पर गिर गया जिस पर गौर एक्सप्रेस आ रही थी। स्थिति को बिगड़ता देख प्लेटफॉर्म पर मौजूद एक फल विक्रेता उन्हें बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन तीनों रेल की चपेट में आ गए।
स्थानीय लोगों ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर घायलों को बचाने की कोशिश की लेकिन रेलवे फाटक के चौकीदार ने एम्बुलेंस को गुजरने के लिए फाटक नही खोला जिसके कारण तीनों लोगों को कुछ दूरी तक हाथों से पकड़कर ले जाना पड़ा और फिर उन्हें एम्बुलेंस में बिठाकर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने रेलवे फाटक के बार-बार और लंबे समय तक बंद रखने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एक घंटे तक पटरियों को जाम रखा, जिसके बाद पुलिस और जीआरपी ने उन्हें प्रदर्शन खत्म करने के लिए राजी किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि लंबे समय तक रेलवे फाटक बंद रखने के कारण लोगों को मजबूरन पटरियों से छोटा रास्ता लेना पड़ता है। रेलवे अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शीघ्र जांच का आश्वासन दिया है।