भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO चार साल बाद फिर चांद पर उपग्रह भेजने की तैयारी में जुटा है। इस बार मून मिशन का नाम चंद्रयान-3 है। शुक्रवार 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 होगा। लॉन्चिंग से ठीक एक दिन पहले इसरो के वैज्ञानिक भगवान की शरण में पहुंचे और चंद्रयान-3 की सफलता के लिए आशीर्वाद लिया।
भगवान की शरण में पहुंची ISRO की टीम
ISRO वैज्ञानिकों की एक टीम 13 जुलाई की सुबह चंद्रयान-3 के एक मॉडल को लेकर तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की और भगवान वेंकटेश्वर से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए आर्शीवाद लिया। 14 जुलाई, शुक्रवार को लॉन्च होने के बाद चंद्रयान 24-25 अगस्त को चांद पर उतरने की संभावना है।
तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक
देश भारत में चंद्रयान-3 के लॉन्च को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर, सहित इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रयान-3 मिशन से पहले आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर का दौरा किया और प्रार्थना की। समाचार एजेंसी ANI ने इसका वीडियो भी शेयर किया है, जिस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
ट्विटर यूजर @pranavsirohi ने लिखा, ‘विज्ञान को भी चाहिए ईश्वर का सहारा। लोग विज्ञान और अध्यात्म को अलग-अलग करके देखते हैं। जबकि दोनों एक दूसरे के पूरक ही हैं।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘यह तो हमारा कल्चर रहा है, हम कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान का आशीर्वाद जरूर लेते हैं।’ एक अन्य ने लिखा, ‘जो लोग मंदिरों में जाने के लिए वैज्ञानिकों की आलोचना करते हैं, उन्होंने अपने जीवन में इन वैज्ञानिकों ने जो हासिल किया है उसका 1% भी हासिल नहीं किया होगा।’
@pranavsirohi ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘यूं तो इसरो के अभियानों में यह परंपरा आरंभ से ही रही है, लेकिन विज्ञानियों में इसके इस प्रकार से ‘सार्वजनिक प्रदर्शन’ का ‘साहस’ इसी सरकार के दौर में आया है। मोदी सरकार का एक ‘हासिल’ यह भी है।’
इसके साथ ही तमाम यूजर्स ने इसरो की टीम को शुभकामनाएं दी हैं और भगवान से इस अभियान के सफल होने की प्रार्थना की है।