Captain Karamjit Singh Bakshi: जम्मू में आईईडी विस्फोट में शहीद होने वाले कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी की मां ने इकलौते बेटे को श्रद्धांजलि देते हुए कांपती आवाज में जब कहा, ‘बोले सो निहाल सत श्री अकाल…’ तो वहां मौजूद लोग फफक कर रो पड़े मगर मां के चेहरे पर गर्व झलक रहा था। उनके जिगर का टुकड़ा उनकी आंखों के सामने तिरंगे में लिपटा था, वह उनका इकलौता बेटा था कुछ दिनों पहले तक वे उसकी शादी के सपने देख रही थीं। आज वे उसी बेटे को सैल्यूट कर रही थीं, उनकी कांपती आवाज रो रही थी मगर उन्होंने अपनी आंखों से आंसू न आने दिया।
शहीद की मां को देख, लोगों की आंखों से निकले आंसू
आसान होता है क्या इकलौते बेटे को देश के लिए कुर्बान कर देना? मां की ममता को मन के किसी कोने में दफन कर इकलौते बेटे की शहादत पर गर्व करने के लिए पत्थर बनना पड़ता है। जवान बेटे का यूं अचानक चले जाना, जिसका दर्द मां जीते जी तो नहीं भूल सकती। अरे बेटा खाना ना खाए या जरा सा झींक दे तो मां पूरा पहाड़ अपने सिर पर उठा लेती है फिर इस मां का लाल तो उसके सामने तिरंगे में लिपटा हुआ गहरी नींद में हमेशा के लिए सो रहा था। मां जैसे ही नारा लगाती हैं, उन्हें देखकर रोंगटे ख़ड़े हो जाते हैं, इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लोगों देख कर खुद को इमोशलन होने से रोक नहीं पा रहे हैं। यह गर्व का पल है मगर एक मां के दिल पर जो बीत रही है वह सिर्फ वही जान सकती हैं।
पीटीआई के अनुसार, कैप्टन बख्शी उन दो सैन्यकर्मियों में शामिल थे, जिनकी मंगलवार को अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के निकट संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में जान चली गई थी और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि जवान गश्त पर थे, तभी दोपहर करीब 3:50 बजे जम्मू जिले के अखनूर के भट्टल इलाके में एक अग्रिम चौकी के पास शक्तिशाली विस्फोट हुआ।