Budget 2025: वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते समय दुलारी देवी की उपहार में दी हुई मधबुनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनीं। यह कोई आम साड़ी नहीं है, इसे दुलारी देवी ने खुद बनाया है, वो भी पूरे दिल से। इस साड़ी में प्यार है, भावनाएं हैं और सम्मान है साथ ही गर्व भी। यह कहना गलत नहीं है कि किसी की सच्ची मेहनत है जो इस साड़ी पर पेंटिंग के रूप में उकेरी गई है, जिसकी खास छवि साफ झलक रही है।
मधुबनी की हर खास चीज को समेटे हुए क्या साड़ी है?
क्रीम रंग की साड़ी और उस पर गोल्डन बॉर्डर… कई महिलाओं को यह साड़ी भा चुकी है, भले यह सेम टू सेम वे न खरीद सकें मगर मिलता-जुलता जरूर पहनना चाहेंगी। जिन्हें साड़ियों की परख हैं वे इसे देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इसे बनाने में कितनी मेहनत लगी होगी। साड़ी की बात पहले ही बहुत हो चुकी है, इसलिए इस आर्टिकल में हम बात इस साड़ी को बनाने वाली खास कलाकार की कर रहे हैं। दुलारी देवी… हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह नाम तो सुना ही होगा क्योंकि इस तरह के नाम अक्सर हम अपने जेहन से भुला देते हैं मगर इनकी कला वह तिजोरी है जो रह-रहकर हम सभी के सामने उभर ही आती है। जैसे की आज इस साड़ी के साथ ही दुलारी देवी की चर्चा एक बार फिर हो रही है।
पद्मश्री विजेता दुलारी देवी ने प्यार से कहा था, इसे बजट वाले दिन पहनना
दरअसल, यह साड़ी बिहार में रहने वाली पद्मश्री विजेता दुलारी देवी ने तोहफे में दी थी। असल में दो महीने पहले वित्त मंत्री क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत मधुबनी आई थीं उसी समय तब दुलारी देवी ने उन्हें यह साड़ी उपहार में दी थी और भावुक होकर कहा था कि इसे बजट वाले दिन पहनना। तोहफा देने वाला का प्यार और अपने बजट जैसे खास दिन पहनकर ताई ने भी दुलारी देवी को सम्मान भी दिया है।
कितने महीने में बनी यह साड़ी?
भास्कर से बातचीत में दुलारी देवी ने बताया ‘इस साड़ी में मधुबनी पेंटिंग करने में एक महीने का समय लगा है, बेंगलुरु सिल्क में मधुबनी पेंटिंग की गई है। ऑफिस टाइम के बाद सुबह-शाम इस पर मैंने काम किया। उन्होंने आगे बताया ‘साड़ी पर मछली, पानी, कमल, पान और मखाने की तस्वीर बनाई है। ये सभी मधुबनी की पहचान हैं, मैंने इसे मिथिला हाट कार्यक्रम में वित्त मंत्री को भेंट किया था। ‘दुलारी देवी इस बात से बेहद खुश हैं कि ताई ने उनकी साड़ी पहनकर बजट पेश किया है, यह मिथिला और बिहार के लिए गर्व की बात है। वे इस पल को लेकर बेहद खुश हैं और भावुक भी।
10 प्वाइंट में जानिए कौन हैं दुलारी देवी-
- 2021 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित
- पिता मछुआरे थे, मां मजदूर थीं
- पिता के निधन के बाद मां-भाई-बहन के साथ काम पर जाना पड़ा
- स्कूल नहीं जा सकीं , 12 साल की उम्र में हुई शादी
- 6 महीने में हुई बेटी की मौत, ससुराल से टूटा नाता
- पद्मश्री से भी सम्मानित महासुंदरी देवी के घर झाडू-पोछा, बतर्न, कपड़े का किया काम
- लकड़ी औऱ पानी से जमीन पर बनाने लगीं पेंटिंग
- मिथिला पेंटिंग करने वाली महासुंदरी ने ऐसे करते देखा और फिर सफर शुरु
- कर्पूरी देवी के संपर्क, गाइडेंस मिला औऱ फिर वे मां जैसी बन गईं
- अब दुलारी देवी की पेंटिंग ही पहचान है