डाटा चोरी के मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर एक के बाद एक आरोप लगा रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में अपने एक ट्वीट में कहा था कि बीजेपी डाटा चोरी का आरोप लगाकर मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश रही है। राहुल गांधी के इस प्रकार के ट्वीट से बीजेपी सकते में आ गई और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पूछ डाला कि राहुल गांधी जी अक्ल से बिलकुल पैदल हैं क्या?
एएनआई से बातचीत के दौरान मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “राहुल गांधी जी अक्ल से बिल्कुल पैदल हैं क्या? उन्हें सोचना चाहिए कि डाटा चोरी जैसा गंभीर अपराध मासूम भारतीयों के साथ किया गया है। जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें सबके सामने लाना जरूरी है, तो क्या इसमें भी उन्हें दिक्कत है?” यह बात नकवी ने राहुल गांधी के उस ट्वीट पर कही, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “समस्या: 39 भारतीय मर गए और सरकार झूठ बोलती रही। निदान: डाटा चोरी और कांग्रेस पर कहानी बनाकर आरोप लगा दो। परिणाम: मीडिया नेटवर्क खबर खा गए और 39 भारतीयों की खबर सुर्खियों से गायब हो गई। समस्या खत्म।”
Rahul Gandhi Ji akal se bilkul paidal hain kya? He should think over it, a grave crime of innocent Indians’ data theft is being committed & if people involved in this are being exposed, he has a problem?: MA Naqvi on Rahul Gandhi’s tweet pic.twitter.com/WDCi0xs1Wq
— ANI (@ANI) March 22, 2018
Problem: 39 Indians dead; Govt on the mat, caught lying.
Solution: Invent story on Congress & Data Theft.
Result: Media networks bite bait; 39 Indians vanish from radar.
Problem solved.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 22, 2018
आपको बता दें कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने फेसबुक को चेतावनी दी थी कि डाटा का दुरुपयोग कर चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश न की जाए। इसके साथ ही उन्होंने डाटा का दुरुपयोग करने वाली ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ कांग्रेस के कथित तौर पर संबंध होने की बात भी कही और पार्टी की कड़ी आलोचना की। वहीं, कांग्रेस ने खुद पर लगे सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि उसका कैम्ब्रिज या उसकी भारतीय सहयोगी कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटरनेशनल के साथ कभी भी कोई रिश्ता नहीं रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि साल 2010 के बिहार चुनावों में बीजेपी और जेडीयू ने इस कंपनी की सेवा ली थी।