‘गोमूत्र पिलाकर दी जाए गरबा पंडालों में एंट्री’… बीजेपी नेता जब यह बयान दिया तो बवाल मच गया। बयान देने के बाद बीजेपी नेता सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। अब बवाल मचने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की इंदौर इकाई के जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा ने मंगलवार को सफाई दी। उन्होंने अपने बयान को ‘‘निजी विचार’’ बताया और कहा कि उनकी बात का यह मतलब बिल्कुल नहीं था कि गोमूत्र से आचमन की अनिवार्य व्यवस्था के आधार पर किसी शख्स को गरबा पंडालों में प्रवेश से रोका जाए।

वर्मा ने स्थानीय आयोजकों से सोमवार को ‘‘अनुरोध’’ किया था कि वे आगामी नवरात्रि पर्व के दौरान लोगों को गोमूत्र से आचमन कराने (गोमूत्र पिलाने) के बाद गरबा पंडालों में प्रवेश दें। उनकी इस बात पर विवाद खड़ा हो गया था। कांग्रेस ने भाजपा नेता के बयान पर सवाल उठाते हुए इसे सत्तारूढ़ दल की ध्रुवीकरण की राजनीति का नया पैंतरा करार दिया था। वर्मा ने अपने सफाई देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने बड़े पवित्र भाव से अपने व्यक्तिगत विचार व्यक्त किए थे, लेकिन कई लोगों और कांग्रेस ने इन्हें विवाद का रूप दे दिया। इन विचारों को विवाद का रूप नहीं दिया जाना चाहिए।’’

उन्होंने आगे कहा कि उनके ‘‘व्यक्तिगत विचारों’’ का आशय यह कतई नहीं था कि गरबा पंडालों में गोमूत्र से आचमन को लेकर कोई अनिवार्य व्यवस्था हो या इसके आधार पर किसी व्यक्ति को पंडालों में प्रवेश से रोका जाए। वर्मा ने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सबकी अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं और हमारा भारत सर्वधर्म सम भाव वाला देश है।’’ हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक आचमन का मतलब पूजा और यज्ञ सरीखे धार्मिक कर्मकांड शुरू करने से पहले शुद्धि के लिए मंत्र पढ़ते हुए जल पीना होता है।