दुनियाभर में एक तरफ जहां इस बात पर बहस चल रही है कि सोशल मीडिया मतदाता के विचारों पर कितना प्रभाव डालता है या यह चुनाव को कैसे प्रभावित करता है। ऐसे में पिछले दो महीने में चार मीटिंग के दौरान भाजपा ने यूपी आईटी सेल को बताया कि सत्ताधारी पार्टी क्या सोचती है। सोशल मीडिया में विरोधियों पर जोदार हमला बोलने के लिए, भाजपा आईटी सेल को बकायदा संक्षिप्त में ब्रीफ किया गया है।
बताया गया कि आईटी सेल कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के खिलाफ लगाए झूठे आरोपों के जवाब दें। इसके अलावा आईटी सेल से कहा गया है कि वो सोशल मीडिया पर भाजपा, आरएसएस और हिंदुत्व समर्थक यूजर्स की पहचान करे। उन्हें पार्टी कार्यकर्ता बनने का न्योता दिया जाए।
शनिवार (10 नवंबर, 2018) को नोएडा में हुई मीटिंग के मुताबिक भाजपा के स्टेट चीफ महेंद्र नाथ पांडे ने पार्टी के आईटी सेल सदस्यों को ‘महत्वपूर्ण साइबर सोलजर’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमें विपक्षी पार्टियों और भाजपा में अंतर ढूंढने की जरुरत है। अब ट्विटर, इंस्टग्राम, और व्हाट्सएप के अलावा फेसबुक पर भी फोकस करने की जरुरत है।

