पंजाब में पिछले दिनों जबरदस्त विवाद देखने को मिला, अमृतसर में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया, हथियार लहराए गए। पुलिस प्रशासन के रवैये पर लोग सरकार पर सवाल उठा रहे थे। इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मुंबई दौरे पर थे। घटना के दो दिन बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर ‘वारिस पंजाब दे’ के जत्थेदार अमृतपाल सिंह को लेकर ट्वीट किया तो लोग उनसे तरह -तरह के सवाल पूछने लगे।

अमृतपाल सिंह पर क्या बोले सीएम भगवंत मान?

पंजाब सीएम भगवंत मान ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके अमृतपाल सिंह को जवाब दिया है। भगवंत मान ने लिखा कि शब्द गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बना कर थाने तक ले जाने वाले किसी भी पक्ष से पंजाब और पंजाबियत के ‘वारिस’ कहलाने के काबिल नहीं हो सकते। सीएम ने कहा है कि अजनाला में हुई हरकत को करने वाला पंजाब और पंजाबियत का ‘वारिस’ नहीं हो सकता।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

@Adityakripa यूजर ने लिखा कि हम्मम काफी चिंतित लग रहें हैं। ऐसा कीजिए पटाया घूम आइए। @manpzjohal यूजर ने लिखा कि चलो कम से कम दो दिन बाद बोले तो। @TheRajanMishr यूजर ने लिखा कि अब नींद खुली साहब की। एक काम करिए आप कि लगे हाथ गोवा घूम आइए। पंजाब में जब कुछ हुआ ही नहीं और ला एंड आर्डर सब ठीक है। फिर किस बात का ट्वीट कर रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि भगवंत मान जी, इतनी सीरियस बात मत कीजिये, मुंबई में मीटिंग के दौरान क्या हुआ, ये बताइये!

नितेश दूबे नाम के यूजर ने लिखा कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ भगवंत मान की कड़ी कार्रवाई, किया एक ट्वीट। @Mishabajwaz यूजर ने लिखा कि कार्रवाई शुरू करने के बजाय, आप इसके बारे में एक आम आदमी की तरह ट्वीट कर रहे हैं। याद रखिए पंजाब की जनता ने आपको ताकत और अधिकार दिया है, इसका सदुपयोग कीजिए। @AshminAggarwal यूजर ने लिखा कि खालिस्तानी अमृतपाल का नाम लेने, पुलिस वालों पर हमला और पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने की बात करने की हिम्मत नहीं है तो मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पद छोड़ दो भगवंत मान जी। आप तो कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में प्रचारमंत्री का ही पद ले लो। एक यूजर ने लिखा कि ये सब छोड़िये ये बताइये कि मुंबई का दौरा ठीक था ना?

बता दें कि मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में पंजाब में हुई हिंसा और पुलिस स्टेशन पर हमले को लेकर भगवंत मान से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस सक्षम है। हमारा एक शांतिपूर्ण राज्य है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों ने वहां निवेश करना शुरू कर दिया है। वहीं पंजाब में प्रदर्शन और पुलसी स्टेशन पर उग्र भीड़ के हमले को देखते हुए पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ नेता और उनके समर्थकों के साथ बातचीत के बाद लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा करने का फैसला किया था।