नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध कर रहे अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी के मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है। दिल्ली सीएम ने आरोप लगाया है कि ‘भाजपा ने (नोटबंदी से) हिंदुओं को बर्बाद कर दिया।’ केजरीवाल ने रविवार को ट्वीट किया, ”भाजपा कहती है हम हिंदुओं की पार्टी हैं। नोटबंदी में तो भाजपा ने हिंदुओं को भी नहीं छोड़ा। हिंदुओं को भी बर्बाद कर दिया।” हालांकि उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने आपत्ति जताते हुए इसे ‘घटिया राजनीति’ बताया है। केजरीवाल 8 नवंबर को फैसले की घोषणा के बाद से ही इसका विरोध करते रहे हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के फैसले से जनता को भारी परेशानी हो रही है और 2000 का नया नोट शुरू करने से काला धन वालों को और आसानी होगी। 17 नवंबर को केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली की आजादपुर मंडी में रैली भी की थी। जिसमें केजरीवाल से मोदी सरकार पर नोटबंदी की आड़ में ‘घोटाला’ करने का आरोप लगाया था। रैली को संबोधित करते हुए अरविंद ने कहा था, ” कालाधन बाजार में फिर बड़ी मात्रा में आ गया है। कुछ लोगों को घर तक नोट पहुंचाये जा रहे है। यह स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। सरकार लोगों को अपना पैसा बैंकों में जमा करने के लिए मजबूर कर, उनसे 10 लाख करोड़ रूपए जमा करना और इस धनराशि का उपयोग मोदी के मित्रों का कर्जा माफ करने के लिए करना चाहती है।”
केजरीवाल और ममता ने उस रैली में मोदी सरकार को तीन दिन के भीतर फैसला वापस लेने का अल्टीमेटम दिया था, उन्होंने आशंका जताई थी कि बगावत हो सकती है। रैली में उन्होंने कहा था, ”सरकार को तीन दिन में नोटबंदी का फैसला वापस लेना चाहिए। अन्यथा बगावत होगी। मोदीजी ने विजय माल्या को एक ही रात में लंदन भेज दिया जिन पर बड़ा उधार है। उन्होंने लोगों को सड़कों पर ला दिया, जो घंटों लाइन में खड़े हैं।”
अरविंद ने रविवार को जब यह ट्वीट किया तो उन्हें यूजर्स की तीखी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ी। एक यूजर ने लिखा कि ‘सर, अब यही बाकी रह गया था। अा ही गए आखिर हिंदू, मुस्लिम, दलित पर…” कुछ यूजर्स ने एकता बनाए रखने की अपील की। एक ने लिखा, ”जो लोग इस देश को धर्म और जाति के आधार पर बाँटना चाहते हैं, वो समझ लें कि हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे।” सुमित मिश्रा लिखते हैं, ”यह एक ऐसा व्यक्ति कह रहा है जो कि सिविल सोसाइटी का पूर्व सदस्य रह चुका है, मेरे लिए अरविंद केजरीवाल निश्िचत तौर पर समाज के सिविल मेंबर नहीं हैं।”
भाजपा कहती है हम हिन्दुओं की पार्टी हैं। नोटबंदी में तो भाजपा ने हिन्दुओं को भी नहीं छोड़ा। हिन्दुओं को भी बर्बाद कर दिया।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 20, 2016
ट्विटर पर यूजर्स ने जताई आपत्ति:
.@ArvindKejriwal sir, ab yahi baaki tha.. aa hi gaye aakhir hindu, muslim, dalit pe..
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) November 20, 2016
you tried every trick in the book but came back to oldest one of playing with communal harmony. How pathetic are you sir?
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) November 20, 2016
https://twitter.com/TrulyMonica/status/800223999238148096
https://twitter.com/angryoungwoman/status/800236098773389312
sir u r genius, giving a communal twist to #demonetisation.. wah wah.. Common man se Communal man, u shud b in Guinness.
— kashif Qureshi (@kashiflion) November 20, 2016
This comes from an ex civil society member, @ArvindKejriwal is ain't a civil member of society not for me certainly.https://t.co/2eW4uJkJkE
— Sumit Mishra (@_SumitMishra) November 20, 2016
Sir pls. do not bring religion in this.This was not expected from u.
— Pritha (@tweetingpritha) November 20, 2016