वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग रखी हुई है। इस विषय को लेकर सोशल मीडिया पर एक पक्ष इसे सही बता रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष इसे गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर कटाक्ष करता नजर आ रहा है। इसी बीच पत्रकार आरफा खानम शेरवानी (Arfa Khanum Sherwani) ने एक ट्वीट किया। जिस पर फिल्म मेकर अशोक पंडित (Ashoke Pandit) ने तंज कसा।

दरअसल, आरफा खानम शेरवानी ने लिखा कि इस रात की सुबह नहीं। उनके द्वारा यह ट्वीट दोपहर 3 बजे किया गया है। इसी पर तंज कसते हुए अशोक पंडित ने लिखा, ‘आंखें खोलिए और अपने काले चश्मे उतारकर खिड़की के बाहर देखिए। सुबह तो 2014 में ही हो गई थी।’ पत्रकार द्वारा किए गए ट्वीट पर आम सोशल मीडिया यूजर्स ने भी कई तरह की प्रतिक्रिया दी है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं : अभय प्रताप सिंह नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि आरफा जी, सुबह ही नहीं हुई है बल्कि 365 वर्षों के बाद उजियारा हुआ है। बाबा मिल गए हैं, गिल्ट फील करने की जरूरत नहीं है। आप बस सच को स्वीकार करें और बाबा का स्वागत करें। पुष्पांजलि सिंह नाम के टि्वटर हैंडल से लिखा गया – अभी और ऐसी रातें आएंगी।

तरुण रंजन नाम के यूजर कमेंट करते हैं कि अब जो बोया है, वही काट रही हो। बोया पेड़ बबूल का तो आम की उम्मीद तो व्यर्थ ही होगी। जयंत जिज्ञासु नाम के एक यूजर लिखते हैं – सुबह जिसकी ना हो, ऐसी कोई रात नहीं। ओमकार नाम के एक यूजर ने लिखा कि इस रात की सुबह नहीं, सब याद रखना। ज्ञानवापी एक मंदिर है, मस्जिद नहीं। सूरज त्रिपाठी नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि महंगाई और बेरोजगारी पर ध्यान देने के बजाय सरकार ज्ञानवापी मस्जिद पर ध्यान दे रही है, ऐसी सरकार जनता जल्द ही हटा देगी।

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साहिल खान नाम के एक ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया – पहले बाबरी मस्जिद ऐसे ही ले ली और अब ज्ञानवापी मस्जिद में भी शिवलिंग बता रहे हैं, मैडम आप जैसे लोग ही जनता को जागरुक कर सकती हैं। करिश्मा खान नाम की एक यूजर कमेंट करती हैं, ‘जनता जल्द ही परेशान होकर अपनी सुबह ले आएगी, कब तक मंदिर और मस्जिद के जरिए सत्ता पर बैठे रहेंगे।’