माफिया अतीक अहमद और अरशद की हत्या के बाद से ही लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने पुलिस कस्टडी में हुई हत्या को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। इस मामले पर सियासी वार-पलटवार भी जारी है वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग कमेंट्स कर रहे हैं। इस बीच पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से अतीक अहमद की हत्या को लेकर एक सवाल किया। जिस पर लोग जवाब देते नजर आ रहे हैं।

पत्रकार सुधीर चौधरी ने अतीक अहमद की हत्या पर कही यह बात

पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम के दौरान अतीक अहमद के मामले पर कहा,’क्या अतीक अहमद की हत्या पर वही सहानभूति होनी चाहिए, जो एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पर होती है? इस हत्या पर तमाम लोग यूपी की कानून पर व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, उन लोगों ने कभी उमेश पाल की हत्या ओर सवाल नहीं किये। जब उमेश पाल की हत्या उसके बेटे ने की, तब किसी ने उसका धर्म नहीं देखा।’

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि उस समय उमेश पाल की हत्या का मुद्दा इतना बड़ा नहीं हुआ, जितनी बहस अतीक अहमद की हत्या पर हो रही है। किसी अपराधी की कोई जाति और धर्म नहीं होता। अतीक अहमद के साथ जो हुआ, वह उसके पापों का नतीजा था हालांकि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी। इसके साथ उनकी ओर से सवाल किया गया,’अतीक अहमद और उमेश पाल की हत्या में क्या फ़र्क़ है? जो लोग अतीक़ अहमद के लिये आंसू बहा रहे हैं, वो राजू पाल की हत्या का वीडियो देख कर चुप क्यों थे?’

सोशल मीडिया यूज़र्स ने दिए ऐसे जवाब

@SevadalMH नाम के एक यूजर ने जवाब दिया- दोनों हत्याएं इस बात का सबूत है कि उत्तर प्रदेश में लॉ एंड आर्डर सरकार से नही संभल पा रहा है। अगर पुलिस के सामने गोलियां चल रही है, तो कानून का डर कहां है? @onlyrajnish नाम के एक यूजर ने कहा,’ये फर्क है कि अतीक अहमद क हत्या पर तुम खुशियां मना रहे हो और उमेश पाल की हत्या पर रो रहे थे। @Premmis39871099 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- अतीक अहमद की हत्या को लेकर कोई क्यों दुखी होगा लेकिन सजा देना न्यायालय का काम है। आप यह भी बताइए कि जिस राजू पाल की हत्या हुई थी, वह कोई महात्मा नहीं था। उस पर भी गंभीर 49 मुकदमे दर्ज थे।

@altiwari नाम के एक यूजर लिखते हैं कि क्योंकि वो एक गैंग वार था, इस डॉन का किस्सा था। यहां पुलिस कस्टडी में एक कैदी की सजा हुई है, जहां प्रशासनिक लापरवाही का संदेह है। जिसकी सरकार को जांच करनी चाहिए और जनता को इस पर सवाल पूछने चाहिए। @2898471865eb4d6 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- क्योंकि राजू पाल वोट बैंक तबके से नहीं था शायद इसलिए?