एक दिसंबर से भारत जी-20 का अध्यक्ष बनने जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 8 नवंबर को (G-20) की अगले वर्ष होने वाली बैठक का लोगो, थीम और वेबसाइट (G-20 India Logo, Theme and Website) जारी किया। पीएम मोदी ने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम को एक बड़ा अवसर बताया और कहा कि यह 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति व सामर्थ्य का प्रतीक है। वहीं जी-20 शेरपा अमिताभ कांत के बयान की खूब चर्चा हो रही है।
अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा कि “हमें एक अंबानी और एक अडानी नहीं बल्कि 10,000 अंबानी और 20,000 अडानी चाहिए, तभी भारत विकसित होगा इसलिए हमें जी-20 के अवसर का उपयोग अपने-अपने क्षेत्र में बड़े से और बड़ा और फिर सबसे बड़ा बनने के लिए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा अवसर है जो दोबारा कभी नहीं मिलेगा। हालांकि अडानी और अंबानी का जिक्र किए जाने पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@Ashokkshekhawat यूजर ने लिखा कि BJP की सरकार के रहते यह संभव नहीं हो सकता। मोदी सरकार के लिए कुछ उद्योगपति ही उनके खास और चहेते हैं। @dineshsri_ यूजर ने लिखा कि एक-एक में तो देश का यह हाल है। दस-दस और बीस बीस हजार हो जायेंगे तो ना जाने गरीबों का क्या होगा, बैंकों का क्या होगा। @swamiraj636 यूजर ने लिखा कि जब तक मोदी जी हैं, तब-तक तो यही अंबानी, अडानी रहेंगे, बाकी सपने में भी मत सोच लेना।
@Bharatbhumi119 यूजर ने लिखा कि कहने का तात्पर्य सही है लेकिन कुछ लोग गलत मतलब निकालेंगे। लड़ाई इसी बात की है कि मोदी सरकार देश में केवल 1 अडानी और 1 अंबानी को बढ़ावा दे रही है जबकि सरकार को चाहिए कि सबको समान अवसर उपलब्ध कराए, केवल दो के लिए नहीं। @UdayveerParihar यूजर ने लिखा कि अभी एक ही अडानी और अंबानी से देश के कुछ लोगों को तकलीफ है, अगर ज्यादा हो गए तो क्या होगा?
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी इस वर्ष इंडोनेशिया के बाली में होने वाली G-20 शिखर बैठक में वह हिस्सा लेंगे। G-20 का नेतृत्व एक दिसंबर, 2022 से भारत को मिलेगा। जी-20 में जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, रूस, तुर्कीए, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपीय संघ शामिल हैं।