केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिए एक इटंरव्यू में देश के तमाम ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी है। बीबीसी को लेकर चल रहे विवाद, अडाणी विवाद, त्रिपूरा में हो रहे चुनाव समेत तमाम मुद्दों पर पूछे गए सवालों पर जवाब दिया है। इस दौरान उन्होंने पीएफआई पर बैन लगाए जाने पर कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में आतंक को बढ़ावा देने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India, PFI) के प्रसार को हवा दी। हमने पीएफआई को बैन करने का काम किया है।
PFI को लेकर क्या बोले अमित शाह?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पीएफआई देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। ये संगठन आतंकवाद का रॉ-मटीरियल तैयार करने का प्रयास करता था। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संगठन था जो देश में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहा था। मिले सबूतों से पता चलता है कि उनकी गतिविधियां देश की एकता और अखंडता के खिलाफ थीं। हम वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे और पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया।
सोशल मीडिया पर तमाम लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@itsmeshiv93 यूजर ने लिखा कि कृपया आरएसएस, वीएचपी और अन्य दक्षिणपंथी चरमपंथियों पर प्रतिबंध लगाकर वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठें। @ankitkumarmurar यूजर ने लिखा कि अमित शाह जी आपने यह काम करके बहुत अच्छा काम किया है। @ShivamJ24 यूजर ने लिखा कि पीएफआई और आरएसएस में शायद ही कोई अंतर हो। यह विडंबना है कि जो आदमी भारत के उन राज्यों को बदनाम करता है जहां भाजपा की सरकार नहीं है, वह भारत की अखंडता पर व्याख्यान दे रहा है।
@santhoshd यूजर ने पूछा कि यदि “धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देना” PFI प्रतिबंध को सही ठहराता है, तो बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, श्री राम सेना, हिंदू जागरण मंच आदि पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? नरसिंहानंद, प्रज्ञा ठाकुर, पूजा शकुन, प्रबोधानंद गिरि, आनंद स्वरूप की हेटस्पीच कैसे बच जाती है? कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी पूछा है कि RSS पर बैन कब लगेगा? यह सभी बातें RSS पर पूरी तरह से लागू होती हैं। धार्मिक उन्माद, नफ़रत, ज़हर फ़ैलाने में BJP और RSS इन सबसे कहीं गुणा आगे है।
वहीं शहरों के नाम बदले जाने पर केद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक भी शहर ऐसा नहीं है, जिसका पुराना नाम न हो और बदला है। इस पर बहुत सोच समझकर फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में नक्सवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे।