संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, दोनों सदनों में जमकर बहस हो रही है। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह सदन में बोलते वक्त टीएमसी सांसद सौगात रॉय पर भड़क गए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर गृह मंत्री अमित शाह को इतना गुस्सा क्यों आता है? बता दें कि बुधवार (21 दिसंबर) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) लोकसभा (Lok Sabha) में ड्रग्स (Drugs) की समस्या को लेकर अपने विचार रख रहे थे।

जब लोकसभा में भड़के अमित शाह

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah Lok Sabha) अपनी बात रख रहे थे, इसी दौरान टीएमसी सांसद सौगात रॉय (TMC MP Saugata Roy) बीच में टोकने लगे। इस पर अमित शाह भड़क गए और बोले- दादा आपको भाषण करना है तो मैं बैठ जाता हूं। इतने सीनियर सांसद होकर बीच में टीका-टिप्पणी करते हैं, ये ना आपकी उम्र को शोभा देता है और ना ही आपकी सीनियरटी को अच्छा लगता है। मैं बैठ जाता हूं, आप ही बोल लीजिये। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो अपनी टिप्पणी कर रहे हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@Dilipsi86791389 यूजर ने लिखा कि पूरे देश के यानी कि घर के मंत्री हैं तो फिर घर में कोई भी गलती होती है तो उनको समझाना तो पड़ेगा ही। @shivam47543813 यूजर ने लिखा कि इसी समझाने की आदत से मीडिया की हिम्मत नहीं होती है कि इनसे कोई सवाल जवाब कर ले। @NikhilchoubisaC यूजर ने लिखा कि इनकी भाषा से पता चल रहा है कि कितना अभिमान सिर चढ़ कर बोल रहा है।@yashnaruka3213 यूजर ने लिखा कि जैसे रुपया नीचे नहीं बल्कि डॉलर ऊपर जा रहा है, बेरोजगार युवा नहीं नौकरियां घट रही हैं।

@SRamverma यूजर ने लिखा कि इस भाषा में आप भी समझने के लिए तैयार है न गृहमंत्री जी ? अगर हां तो अपने समस्त सांसदों को बोल दीजिये, किसी दूसरे पार्टी के सांसद जब बोले तो बीच में टोका टोकी करने पर आपको भी इसी भाषा में समझाया जायेगा! एक यूजर ने लिखा कि देश का गृह मंत्री भरी संसद में एक दूसरे दल के सांसद को ऐसे धमकी भरे अंदाज़ से धमकाता हैं तो ये संसद के बाहर लोगों के साथ किस भाषा बोलता होगा। एक अन्य यूजर ने लिखा कि सीनियर सांसद के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कितना ठीक है?

अमित शाह के क्रोधित होने के बाद किसी ने कहा कि गृहमंत्री जी नाराज क्यों होते हैं? इस पर अमित शाह ने कहा कि वो नाराज नहीं है बल्कि समझा रहे हैं। कई बार बड़ों को भी समझाना पड़ता है। नशा पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि ‘नशामुक्ति के लिए हम एक लाख से ज्यादा शैक्षिक संस्थानों के जरिए जागरूकता फैला रहे हैं। इसमें ढेर सारे एनजीओ भी जुड़े हैं। कुछ एनजीओ ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को स्‍वस्‍थ करना चाहते हैं लेकिन कुछ NGO ऐसे होते हैं जो भारत के समाज को प्रताड़‍ित करना चाहते हैं।