उत्तर प्रदेश के रामपुर में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ अब तमाम लोग सामने आने लगे हैं। इस वक्त एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक माॅल में लगे शिलापट्ट काे तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। शिलापट्ट पर अखिलेश यादव और आजम खान का नाम लिखा हुआ दिखाई दे रहा है।
रामपुर में तोड़ी गई अखिलेश यादव और आजम खान के नाम की शिलापट्ट
रामपुर में स्थित बापू मॉल का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने किया था। शिलापट्ट पर अखिलेश यादव और आजम खान लिखा था, जिसे भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। फरहत अली ने कहा कि सत्ता में रहते हुए आजम खां ने रामपुर की जनता के साथ ज्यादती की है।
क्या बोले अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष?
फरहत अली ने कहा है जिसका मताधिकार छिन गया हो, जिसने लोगों के घर तोड़े हों, उसके करकमलों द्वारा हम कैसे कहीं पर लिखवा दें? हम जिला प्रशासन से अपील है कि जहां भी इस तरह के शिलापट्ट लिखे हैं, उन्हें हटा दें नहीं तो हम हटा देंगे। सद्दाम राज खत्म हो चुका है, तालिबानी राज खत्म हो चुका है, राष्ट्रवाद शुरू हो चुका है। जो मुसलमान भारत माता को डायन कह दे, उसे यहां रहने का अधिकार नहीं है। देश से प्यार करने वाले ही यहां रह सकते हैं। मेरी जुर्रत है, हिम्मत है इसे मैंने तोड़ दिया, जितना तोडूंगा, उसकी जिम्मेदारी मेरी है। हालांकि इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने फरहत अली खान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
एक यूजर ने लिखा कि ये सस्ती लोकप्रियता पाने का एक आसान तरीका है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि इसे कहते हैं राष्ट्र भक्त, हमारे देश में फ़रहत अली खान जैसे लोगों की जरूरत है जो सच्चाई को समाज में व्यक्त कर सकें। @ggndiipshrmaa यूजर ने लिखा कि बहुत अच्छा काम किया है, अब बाकी मुस्लिम समाज को भी आगे आना चाहिए और आजम खान को सबक सिखाना चाहिए।
एक यूजर ने लिखा कि अगर सरकार का हाथ नहीं है तो इसका घर भी जरूर गिरेगा, आम जनता को यह समझने की जरूरत है कि इसके पीछे किसका हाथ है। अतुल यादव नाम के यूजर ने लिखा कि इन्हें बस लोगों का अटेंशन चाहिए, मीडिया में आना चाहते थे, अब गिरफ्तार हो गये हैं। अरुण राम के यूजर ने लिखा कि सब जानते हैं कि ये सिर्फ मुस्लिम वोट पाने के लिए ही राजनीति करते हैं। असल में मुस्लिम लोगों के लिए कोई कुछ नहीं करता।