Aligarh Teacher Suspended: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक सराकारी शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। शिक्षिका जो सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय हैं, ड्यूटी पर पिछले 75 दिनों से नहीं आई। गैरमौजूदगी के संबंध में सवाल किए जाने पर उन्होंने विभाग के एक भी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया और मनमानी करती रही। नतीजतन बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह ने शिक्षिका तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थीं शिक्षिका
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह कार्रवाई बीईओ की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। शिक्षिका का नाम चैताली वार्ष्णेय है। उन्हें ड्यूटी पर से दो महीने से आधिक समय से बिना किसी सूचना के गायब रहने पर जल्द से जल्द जवाब देने को कहा गया है। शिक्षिका आखिरी बार 15 जून को स्कूल गई थीं और उसी दिन से विभाग को बिना बताए लापता हो गईं। हालांकि, सोशल मीडिया पर वे काफी एक्टिव हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षिका की लापरवाही का मामला जिले के महुआखेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। जहां सरकारी शिक्षिका चैताली वार्ष्णेय करीब 75 दिनों से विभाग को बिना कोई सूचना दिए लापता हैं। बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित होता देख बेसिक शिक्षा विभाग लगातार पत्रों के माध्यम से चैताली से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
सोशल मीडिया पर रील बनाने में व्यस्त
ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने उनकी खोजबीन शुरू की। इस दौरान पता चला कि आजकल वह सोशल मीडिया पर रील्स बनाने में व्यस्त हैं। रील बनाने में वो इतनी व्यस्त हैं कि उनके पास स्कूल आने तक का टाइम नहीं है। ऐसे में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर शिक्षिका चैताली वार्ष्णेय को तत्काल सस्पेंड कर दिया।
इधर, निलंबन के बाद शिक्षिका के पति ने सफाई पेश की। उन्होंने दावा किया चैताली बीमार हैं। साथ ही उनका मेडिकल सर्टिफिकेट भी विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है कि वे अधिकारियों से मिलकर बात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे। बता दें कि चैताली ने 6 दिन पहले ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर परिवार के साथ एक फोटो शेयर की थी, जिसमें वे बीमार तो कतई नहीं दिख रही थीं।
इस पूरे मामले में अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि महुआखेड़ा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका चैताली वार्ष्णेय को लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से 29 अगस्त को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने विभाग द्वारा भेजे गए किसी भी पत्र का भी कोई जवाब नहीं दिया। उनसे जवाब मांगा गया है, जो उन्हें लिखित रूप में विभाग को देना होगा। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
