उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों की जुबानी जंग तेज हो गई है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि चुनाव आ गया, अल्लाह के वास्ते बंट मत जाना। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट कानून आया तो मुसलमानों के सारे अधिकार खत्म हो जाएंगे फिर वह दूसरी शादी नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दिमागी बीमारी साइकोसिस से ग्रसित हैं, उन्हें इलाज की जरूरत है। उनको उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार दिख रही है इसलिए वह बौखला गए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उल्टा बोलते हैं तो कभी टोपी लगाने वालों पर टिप्पणी करते रहते हैं।
सपा सांसद के बयान पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने लिखा, ” यदि यही कोई भाजपा सांसद हिंदुओं के लिए कह दे तो उसे अंग्रेजी में पोलराइजेशन और इस्लामोफोबिया कह बवाल काट देते।” संबित पात्रा के ट्वीट पर कई ट्विटर यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बीजेपी नेता विजेंद्र सिंह ने लिखा कि ये डर बता रहा है, सरकार काम बहुत अच्छा कर रही है। जो इलाज 2014 में शुरू हुआ था, दवाई अपना असर अब साफ दिखा रही है। रामा (@Rama1818105) नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि सभी पार्टियां इस तरह की बयानबाजी करती हैं। मान्यवर आपकी पार्टी भी इसमें पीछे नहीं है।
शैलेश जैन (@salieshjain8) नाम के टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि ऐसे नेता सिर्फ समाजवादी पार्टी के भी हो सकते हैं। समय-समय पर इनका सेकुलरिज्म सामने आता रहता है। सुधांशु लाल (@sudhanshulal) नाम के ट्विटर एकाउंट से कमेंट आया – आपको यह वीडियो शेयर करके प्रचार करने की जरूरत नहीं है। अमित (@yigeswar) नाम के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि इन लोगों को का, NRC और UCC से बहुत तकलीफ हो रही है।