उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनाव समीकरण साधने के लिए गठजोड़ करने में लगी हुई हैं। ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी से मुलाकात की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा की श्री जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर। वहीं जयंत चौधरी ने भी यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि बढ़ते कदम।

इन पार्टी प्रमुखों द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी बातें कहते नजर आ रहे हैं। पत्रकार जीनत सिद्धकी लिखती हैं कि पूर्वांचल को लेकर एक बार तनाव मऊ में अखिलेश और राजभर की रैली ने बढ़ाया था बीजेपी का पश्चिमांचल को लेकर अब जयंत और अखिलेश की ये तस्वीरें। क्या लगता है, जो दिखता है- क्या होना है -सब अज़ब-गज़ब। चुनाव महा-दिलचस्प हो चुके हैं।

रणविजय सिंह लिखते हैं कि BJP के खिलाफ 36 का आंकड़ा सेट हो गया। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि लो जी, बात पक्की। बीजेपी नेता सत्येंद्र त्रिपाठी हंसने वाली इमोजी के साथ लिखते हैं कि यह पुराना बदलाव न निकले अखिलेश जी, पता चले पार्टी ही बदल ली। RLD नेता प्रशांत कनौजिया ने लिखा कि भाजपा सरकार के ताबूत में आखिरी की ठोक दिया गया।

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सपा नेता घनश्याम तिवारी ने लिखा कि अखिलेश यादव आ रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल के आधिकारिक हैंडल से लिखा गया कि चलेंगे साथ-साथ। विवेक सिरोही (@VivekSirohiKAKU) नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि यह तो प्री वेडिंग फोटोशूट लग रही है। हार जाने के बाद दोनों ईवीएम का रोना रोएंगे। आशीष (@Ashish84592580) नाम के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया के राहुल गांधी वाला हाल तो नहीं होगा ना?

अरुणिमा (@Arunima24) नाम की ट्विटर यूजर लिखती हैं कि यह यूपी के नए लड़के हैं। हर्षवर्धन (@Tathgatl) टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि यह तस्वीर मिलने से अधिक बिछड़ने जैसी लग रही है। चंद्र मोहन मित्तल (@cm_me_) नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि पश्चिमी यूपी का एजेंडा सेट हो गया है। अनमोल पवार (@anmol_pnwar) लिखते हैं कि तपस्वी के बारे में भी तो सोच लो भाई साहब एक बार। कानून रद्द कर दिए, माफी मांग ली। इतना भी क्या पत्थर दिल होना।

गौरतलब है कि सपा और रालोद ने 2017 का विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव साथ मिलकर लड़ा था। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में से 312 सीटें हासिल करके यूपी की सत्ता पर काबिज हुई थी जबकि समाजवादी पार्टी ने 47 बहुजन समाजवादी पार्टी ने 19 सीटें जीतीं थीं।