सरधना से विधायक संगीत सोम के रविवार को ताज महल पर दिए गए बयान पर राजनीति शुरू हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लीमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने उनकी टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि गद्दारों ने लाल किला भी बनवाया था। क्या मोदी वहां तिरंगा फहराना बंद कर देंगे? क्या मोदी पर्यटकों से ताज महल न जाने के लिए कहेंगे?

सोम ने इससे पहले मेरठ में हुए एक कार्यक्रम में कहा था, “उत्तर प्रदेश में ऐसी एक निशानी, जिसे नहीं कहना चाहिए। बहुत लोगों को बड़ा दर्द हुआ कि आगरा का ताज महल ऐतिहासिक स्थलों में से निकाल दिया गया। कैसा इतिहास, कहां का इतिहास, कौन सा इतिहास? क्या वह इतिहास कि ताज महल बनाने वाले ने अपने बाप को कैद किया था? क्या वह इतिहास कि ताज महल बनाने वाले ने उत्तर प्रदेश और हिंदुस्तान से सभी हिंदुओं का सर्वनाश करने का काम किया था? ऐसे लोगों का नाम अगर आज भी इतिहास में होगा, तो यह दुर्भाग्य की बात है और मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि इतिहास बदला जाएगा।”

ओवैसी ने इसी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की और अपने टि्वटर अकाउंट के जरिए पूछा, “गद्दारों” ने ही लाल किला बनवाया था। क्या मोदी वहां तिरंगा फहराना बंद कर देंगे? क्या मोदी और योगी घरेलू और विदेशी पर्यटकों को ताज महल न जाने के लिए कहेंगे?

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जब यह ऐसा बोलते हैं, तो उनका घमंड और इतिहास के प्रति अज्ञानता दिखती है। ताज अगर गद्दारों का प्रतीक है, तो मोदी जी लाल किले क्यों जाकर झंडा फहराते हैं। यह सरकार इतिहास को लेकर अंधी हो गई है। यही बात है तो यूनेस्को को बोलिए कि ताज को विरासतों की सूची से हटा दें। यहां तक कि उन्हें विज्ञापन निकालना चाहिए कि अगर भारत आएं, तो ताज देखने न जाएं क्योंकि यह गद्दारी का प्रतीक है।

क्या है पूरा मामला-
उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने कुछ दिनों पहले एक सूची जारी की थी। उसमें राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों और स्थलों के नाम थे। लेकिन हैरान करने वाली थी कि उसमें ताज महल का नाम नहीं था, जिस पर खूब हो-हल्ला हुआ था। सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक आलोचना और सवाल-जवाब का दौर हुआ। भाजपा विधायक संगीत सोम ने उसी को लेकर विवादित बयान दिया और अब फिर से यह मामला गर्मा गया है।