कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने जब पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है, तब से एक बार फिर कांग्रेस में मतभेद देखने को मिल रहा है। वैसे भी कांग्रेस में दो गुट बन चुके हैं, एक गुट राहुल गांधी के साथ खड़ा है तो दूसरा गुट कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किसी ‘गैर गांधी’ व्यक्ति को सौंपने की वकालत करता रहा है। अब जब मनीष तिवारी ने कांग्रेस पर सवाल उठाया तो आचार्य प्रमोद ने हमला बोला है।
कांग्रेस के किन नेताओं पर मनीष तिवारी भड़के?
गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद मनीष तिवारी ने कहा कि जो लोग वार्ड का चुनाव लड़ने तक की क्षमता नहीं रखते वो कांग्रेस का इतिहास बताते हैं। जो कल तक मंत्रियों के चपरासी हुआ करते थे, वो आज ज्ञान देते हैं। हम इस संस्था में किरायेदार नहीं बल्कि हिस्सेदार हैं। आज के समय चुनौती गंभीर हैं। गुलाम नबी आजाद पर मनीष तिवारी ने कहा कि जिन्होंने अपनी पूरी जिन्दगी पार्टी के नाम कर दी तो अगर किसी से कुछ मिला है तो खैरात में थोड़ी मिला है। (यहां मनीष तिवारी ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेताओं के उस बयान पर टिप्पणी की है, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है।)
बोले-“हम किरायेदार नहीं, हिस्सेदार हैं”
कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि दो साल पहले हम 23 लोगों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की स्थिति चिंताजनक है, उस पर विचार करने की जरूरत है। इसके बाद कई जगहों पर चुनाव हुए, कांग्रेस सारे चुनाव हार गई। अगर कांग्रेस का ख्याल और भारत का ख्याल एक है तो कहीं ना कहीं अब दोनों के बीच में दरार आ गई है। संतुलन बनाकर सभी लोगों को साथ लेकर चलने की जरूरत है। मैने तो 42 साल पार्टी को दिया है, कई लोगों ने मुझसे ज्यादा पार्टी को समय दिया है। हम किरायेदार नहीं, हिस्सेदार है। अगर आप धक्के मारकर बाहर करेंगे तो तब देखा जायेगा। सवाल ये है कि खत लिखे जाने के बाद क्या कांग्रेस की स्थिति में सुधार हुआ?
आचार्य प्रमोद ने कसा तंज
मनीष तिवारी के इस बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम भड़क गए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लोक सभा के सम्मानित सदस्य और पूर्व केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने “लक्ष्मण रेखा” पार कर दी है या अभी कुछ “बाक़ी” है जयराम रमेश जी। आयूब अली नाम के यूजर ने लिखा कि जो बात मैने 2017 में कही थी, वही बात आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मान सम्मान मिलना चाहिए और कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र की बात होनी चाहिए।
पूरन लाल रावत नाम के यूजर ने लिखा कि आदरणीय श्री मनीष तिवारी जी कांग्रेस पार्टी के बहुत विद्वान लीडर हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जाता है। सच बात है मैंने बड़ी उम्मीद के साथ वि.सभा चुनाव 2022 में 8-9 लाख खर्च किये थे। अंत में मौका दूसरे को मिला। दिनेश चौहान नाम के यूजर ने लिखा कि इन महाशय ने ऐसा क्या किया जिससे कांग्रेस को फायदा हुआ था या सिर्फ कांग्रेस के भरोसे अपनी रोटियां सेंकने का काम किया है।
राहुल पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि काफी हद तक मैं मनीष जी की बात से सहमत हूं। राहुल जी ने अपने आसपास ऐसे लोगों को बिठा रखा है जिसके पास वार्ड जीतने तक की औकात नहीं है। विनोद वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि इस खून पसीने को कहीं ओर लगाकर देखो क्या इतना मिलता है, जितना कांग्रेस ने दिया उतना मिल पायेगा क्या? जब तक सत्ता में कांग्रेस रही तब यह याद नहीं आया, आज फिल्मी डायलॉग बोल रहे हो।