छात्रसंघ चुनावों के दौरान जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में खूब हंगामा हुआ और वोटों की गिनती वाले दिन लेफ्ट संगठन के छात्रों और एबीवीपी समर्थकों के बीच हाथापाई की खबरें भी आयीं। हालांकि यूनिवर्सिटी कैंपस में अभी भी ये मुद्दा छाया हुआ है। अब इसी मुद्दे पर एबीवीपी के छात्र नेता द्वारा एक पत्रकार को हड़काने का मामला सामने आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, उसके एक रिपोर्टर सोमवार को माही-मांडवी होस्टल के नजदीक खड़े थे। जहां जेएनयू छात्रसंघ के नए अध्यक्ष एन.साईं बालाजी छात्रों के एक ग्रुप को संबोधित कर रहे थे। तभी रिपोर्टर के मोबाइल पर एबीवीप के पूर्व संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा का व्हाट्सएप मैसेज आया। इस मैसेज में सौरभ शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि ‘लेफ्ट के 200 गुंडे होस्टर के बाहर इकट्ठा हुए हैं। वह एबीवीपी के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और उन्होंने होस्टल के दरवाजे को तोड़ दिया है।’

इस मैसेज के जवाब में पत्रकार ने रिप्लाई करते हुए बताया कि वह खुद होस्टल के सामने खड़े हैं और उन्हें ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। पत्रकार ने एबीवीपी नेता से ये भी पूछा कि यह सब कब हुआ? इसके जवाब में एबीवीपी नेता ने पत्रकार को घायल छात्रों की कुछ तस्वीरें भी भेजी। इस पर पत्रकार ने इन घायल छात्रों के नंबर मांगे, ताकि वह उनसे बातें करके घटना की सत्यता जांच सकें। इस पर एबीवीपी नेता भड़क गए और उन्होंने पत्रकार पर बरसते हुए कहा कि “क्यूं इतना लेफ्टगिरी करते हैं। जर्नलिज्म पर ध्यान दीजिए…लेफ्ट एक्टिविज्म या अफजलगिरी पर नहीं…।” जब पत्रकार ने इसका मतलब साफ करने को कहा तो एबीवीपी नेता ने रिप्लाई में कहा कि “मतलब साफ है जो लिखा हुआ है।”

खास बात ये है कि ऐसा ही एक संदेश एबीवीपी मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप पर भी भेजा गया। जिस पर एक टीवी पत्रकार ने भी सवाल करते हुए ऐसी किसी भी घटना के होने से इंकार किया था। बहरहाल पत्रकार ने जब इस घटना की शिकायत एबीवीपी के वरिष्ठ नेताओँ से की तो उन्होंने सौरभ शर्मा से इस बारे में बात करने का आश्वासन देकर मामला रफा-दफा कर दिया। हालांकि एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने बताया कि वह सौरभ शर्मा के बयान पर माफी मांगती हैं, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था।