पॉपुलर फ्रंंट ऑफ इंडिया या पीफआई (PFI) पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई और केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बीच पीएफआई की राजनीतिक ईकाई SDPI का आरोप है कि सरकार मुसलमानों को टारगेट कर रही है। 27 सितंबर को एक टीवी डिबेट शो में SDPI नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानो को CAA के जरिए भगाना चाहती है। शो का संचालन कर रहीं एंकर ने सवाल पूछा कि कितने मुसलमानों को देश से बाहर किया गया है? इस पर SDPI उपाध्यक्ष भड़क गए।
रुबिका लियाकत ने पूछा सवाल
ABP न्यूज पर हुए एक डिबेट शो का हिस्सा एंकर रुबिका लियाकत ने शेयर किया है। जिसमें वह SDPI उपाध्यक्ष बीएस कांबले से पूछ रही हैं कि आप एक भी ऐसे व्यक्ति का नाम बताइये जिसे सरकार ने CAA के तहत देश से निकाल दिया हो? आप ही लोग थे जो उस वक्त कहते थे कि इस कानून के जरिये मुसलमानों को देश से बाहर कर देंगे। इस पर बीएस कांबली ने कहा कि फेंक दिया गया नहीं, मुलसमानों को भारत से बाहर निकालने की तैयारी चल रही है।
रुबिका लियाकत ने SDPI उपाध्यक्ष बीएस कांबले से कहा कि आप CAA-NRC कानून के तहत निकाले गए मुसलमानों का एक भी नाम बता दीजिये तो मैं नौकरी छोड़ दूंगी और अगर आप नहीं बता पाते तो आप उपाध्यक्ष पद छोड़ दीजिये। इस पर कांबले ने कहा कि अभी मामला रुका हुआ है। मुसलमानों के नरसंहार की तैयारी चल रही है।
NIA की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रुबिका लियाकत ने जब बीएस कांबले से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- मेरे पास भी कलम है, जो मन में आएगा वो लिख सकता हूं। देश का इतिहास है जिसके हाथ में कलम रही वो अपने हिसाब से इतिहास लिखता रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सभी एजेंसियां मौजूदा सरकार के लिए खिलौना हो चुकी हैं। एंकर पर भड़कते हुए बीएस कांबले ने कहा, “आप मुसलमान का चोला पहनकर एंकरिंग कर रही हैं।”
बता दें कि 28 सितंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले देश के कई राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों ने छापामारी कर पीएफआई से जुड़े सैकड़ों संदिग्ध लोगों की धर-पकड़ भी की थी। एजेंसी का दावा है कि छापामारी के दौरान ऐसे कई सबूत भी हाथ लगे हैं, जिनसे पता चलता है कि पीएफआई की योजना बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने की थी और उसके तार आईएसआईएस से भी जुड़े हैं।
देश में अराजकता फैलाने, टेरर फंडिंग के आरोपों के बीच जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार ने PFI समेत आठ अन्य संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। एक तरफ जहां देश में कई मुस्लिम संगठन समेत लोग इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कई नेताओं और संगठनों ने आरएसएस, VHP जैसे संगठनों पर भी बैन लगाने की मांग की है।