चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने ऐलान किया है कि वह किसी पार्टी के साथ जाने के बजाए बिहार में राजनीतिक बदलाव लाने के लिए तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे, यह पदयात्रा चंपारण के गांधी आश्रम से शुरू की जाएगी। इन्हीं तमाम विषयों पर हो रही चर्चा के दौरान एक चैनल के एंकर ने प्रशांत किशोर से सवाल किया कि क्या आप अमित शाह (Ami shah) के कहने पर जेडीयू में गए थे? जिसका उन्होंने जवाब दिया।

दरअसल, प्रशांत किशोर ‘एबीपी न्यूज़’ के कार्यक्रम ‘प्रेस कांफ्रेंस’ में शामिल हुए थे। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का पुराना बयान दिखाते हुए एंकर ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार सही कह रहे हैं। आप अमित शाह के कहने पर जेडीयू में शामिल हुए थे? इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने हंसते हुए कहा, ‘इसका जवाब तो नीतीश कुमार ही दे सकते हैं।’

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर अमित शाह ने मुझे जेडीयू में भेजा होता तो क्या नीतीश कुमार की हिम्मत ही वह मुझे पार्टी से निकाल देते। इस हिसाब से तो पूरी गंगा ही उल्टी बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबका अपना कहने का तरीका होता है, मेरे नीतीश जी से बहुत अच्छे संबंध हैं। प्रशांत किशोर ने बताया कि उनका नीतीश कुमार से पिता-पुत्र जैसा संबंध था।

उन्होंने कहा कि अगर हमारे बीच राजनैतिक मतभेद हो गए तो उनका काम है, मेरे बारे में ऐसा कुछ कहना जिससे मेरी विश्वसनीयता कम हो। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, ‘ जब हम थे तो उनकी पार्टी 110 विधायकों के साथ थी लेकिन अब केवल 40 विधायक हैं। उनको खूब ढेर सारी मुबारकबाद।’ कांग्रेस को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी नहीं है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विषय पर प्रशांत किशोर ने कहा कि इस पार्टी के इतिहास में देखेंगे तो ज्यादातर अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोकल पार्टी को छोड़ दें तो कोई भी पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की पार्टी नहीं है। यह ठीक बात है कि कांग्रेस का नेतृत्व एक लंबे समय से केवल परिवार कर रहा है लेकिन कांग्रेस परिवार की पार्टी नहीं है।