उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी पर कई तरह के आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। यूपी चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्होंने बीजेपी छोड़कर कुछ भी गलत नहीं किया है। वहीं उनकी बेटी व बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा ने पिता की हार पर कहा कि कोई अमृत पीकर राजनीति करने नहीं आता है।
दरअसल, संघमित्रा मौर्य एक टीवी चैनल से बात कर रही थी। पिता की हार पर संघमित्रा मौर्य ने कहा कि राजनीति में जीत और हार एक सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने भी दो बार चुनाव हारने के बाद ही जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी की जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि अगर जीत के बाद नेता जनता के बीच में नहीं होते हैं तो वह उनको पद से हटा भी देती है।
पिता के हारने का अफसोस है? : बीजेपी सांसद ने इस सवाल पर कहा कि उन्होंने लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने भी कई बार हार का सामना किया है इसलिए हम हार को हृदय से स्वीकार करते हैं। उससे लड़ कर आगे बढ़ना चाहते हैं। मैं उनकी हार पर बिल्कुल भी दुखी नहीं हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य के हार के कारण पर संघमित्रा मौर्य ने कहा कि वह क्षेत्र में रहते थे तो इसका कारण वह बेहतर बता पाएंगे।
अखिलेश यादव के साथ जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने की है गलती? : संघमित्रा मौर्य ने कहा कि कोई भी राजनीति में अमृत पीकर नहीं आता है। यहां पर सब के साथ उतार-चढ़ाव होता रहता है ऐसा नहीं है कि अमृत पीकर कोई चला आया है और हमेशा ही सत्ता पर बैठा रहेगा। बीजेपी छोड़ने का फैसला उनका अपना था और उन्होंने मेरे फैसले को मेरे ऊपर ही छोड़ रखा था। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए संघमित्रा ने कहा कि यह उनके लिए ब्रेक है।
यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू सीट से हारने पर संघमित्रा मौर्य ने कहा कि हार और जीत लगी रहती है। हमारे जिन भी साथी को हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें घबराने के बजाय आगे काम करने की जरूरत है। चुनाव प्रचार के दौरान पिता की गाड़ी पर हुए हमले को लेकर संघमित्रा मौर्य ने कहा कि मैंने वहां के लोकल बीजेपी कार्यकर्ताओं के ऊपर नाराजगी जताई थी।
