आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा के लिए जाने-माने चेहरे कुमार विश्‍वास को नजरअंदाज किए जाने पर पूर्व सहयोगी भी हैरान हैं। पार्टी ने संजय सिंह, दिल्ली के कारोबारी सुशील गुप्ता और वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट एन डी गुप्ता को राज्‍यसभा भेजने का फैसला किया है। फैसले पर ‘हैरानी’ जताते हुए पार्टी के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि वे ‘शर्मसार’ हैं। उन्‍होंने पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल पर ‘बिकने’ का शक भी जताया। आप द्वारा उम्‍मीदवारों के ऐलान के बाद योगेंद्र ने ट्वीट किया, ”पिछले तीन साल में मैंने ना जाने कितने लोगों को कहा कि अरविंद केजरीवाल में और जो भी दोष हों, कोई उसे ख़रीद नहीं सकता। इसीलिए कपिल मिश्रा के आरोप को मैंने ख़ारिज किया। आज समझ नहीं पा रहा हूँ कि क्या कहूँ? हैरान हूँ, स्तब्ध हूँ, शर्मसार भी।” यादव ने न्‍यूज18 से बातचीत में कहा कि वह ‘अरविंद केजरीवाल से कभी जुड़े रहने पर शर्मिंदगी महसूस करते हैं।’ उन्‍होंने कहा, ”मैं शर्मिंदा हूं कि मैं कभी आम आदमी पार्टी का सदस्‍य रहा।”

योगेंद्र को केजरीवाल से मतभेदों के चलते ‘जबरन’ पार्टी से बाहर कर दिया गया था। आप से निकाले गए नेताओं में प्रशांत भूषण का नाम प्रमुख हैं। उन्‍होंने भी अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ”AAP का ऐसे लोगों को टिकट देना जिन्‍होंने लोकसेवा में अपनी पहचान नहीं बनाई है और राज्‍यसभा के लिए कोई विशेषज्ञता नहीं रखते हैं, कार्यकर्ताओं की आवाज को नजरअंदाज करना है, पार्टी का अंतिम पतन है जो एक वादे से शुरू हुआ और अब पूरी तरह सड़ चुका है।”

राज्‍यसभा के लिए न चुने जाने पर कुमार विश्‍वास ने भी अपनी बात सामने रखी। उन्‍होंने मीडिया से कहा कि उन्‍हें ‘शहीद’ किया गया है। विश्‍वास ने कहा, ”4 महीने पहले मुझसे अरविंद केजरीवाल ने बोला था कि आपको मारेंगे, लेकिन शहीद नहीं होने देंगे। आज मैं अपनी शहादत स्वीकार करता हूं। मगर युद्ध का एक नियम होता है कि शहीदों के शव के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती और हमारे दल में अरविंद केजरीवाल की मर्जी के बिना कुछ होता नहीं है। उनसे असहमत रहकर वहां जिंदा रहना बहुत मुश्किल है।”

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