मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उन्हें ऑफर दिया गया कि अगर आप तोड़कर वह भाजपा के साथ आते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। साथ ही उन पर दर्ज सभी केस बंद कर दिए जाएंगे। मनीष सिसोदिया के इस दावे के बाद आप भाजपा पर हमला कर रही है। इसी बीच आप नेता सौरभ भारद्वाज ने विधायकों के खरीद-फरोख्त को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।
प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर बरसे सौरभ भारद्वाज
प्रेस कांफ्रेंस कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शिवसेना के चुने विधायक जो भाजपा के साथ चले गये, वो जब विधानसभा में पहुंचे तो नारे लगे, “पचास खोका, पचास खोका.. ये बीजेपी की प्रजातांत्रिक देश है? मैं भाजपा से कहूंगा कि बंद करो देश से धोखा, नहीं चलेगा २० खोका। ये बीजेपी को जवाब है, आप के चुने हुए विधायकों का।”
महाराष्ट्र, गोवा में विधायकों के खरीद-फरोख्त को लेकर किया बड़ा दावा
इतना ही नहीं, सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि 20 करोड़ रूपये आप के विधायकों को ऑफर दिया गया है और 35 विधायकों को खरीदने का दावा किया जा रहा है। कुल 700 करोड़ रूपये भाजपा के पास मौजूद है। महाराष्ट्र में विधायकों को खरीदने में 1850 करोड़ रूपये, कर्नाटक गोवा की जोड़ लें तो आप अंदाजा लगा लीजिये कि ये गिनती कहां तक जायेगी।
सौरभ भारद्वाज के इस वीडियो को शेयर कर आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया कि सौरभ भारद्वाज ने बहुत गंभीर सवाल उठाया है। ED, CBI को इसकी जांच करनी चाहिए तो क्या कोरोना महामारी के दौरान PM Cares में जमा किये गये हजारों करोड़ का इस्तेमाल विधायकों की खरीद-फरोख्त में हो रहा है?
लोगों की प्रतिक्रियाएं
मनजीत सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि अगर तुम्हारे पास सबूत है तो पेश करो ना पब्लिक के सामने, पब्लिक को भी पता चले कि बीजेपी क्या-क्या कर रही है, पर नहीं बस ऐसे ही आरोप लगाने हैं और बहस करना है। चंद्र शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि क्यों नहीं कोर्ट चले जाते? क्या हर बार आरोपों की ही राजनीति करोगे? आरोप लगाओ और भाग जाओ? शीला दीक्षित जी पर लगाए आरोपों का क्या हुआ?
अजय शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ये लोग कोर्ट नहीं जाते, मीडिया में ही शोर मचाते हैं, कारण अराजक लोग है। रमेश श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा कि PM Care Fund ना तो ऑडिट के दायरे में आता है और न ही RTI के दायरे में मतलब न तो जनता और न ही कोई आडिटर इस फंड का बारे में सवाल पूछ सकते हैं। आखिर क्यों, ये फंड जनता के दिए पैसे से बना है और जनता को हिसाब लेने का कोई अधिकार नहीं है-क्यों नहीं है?