चीफ जस्टिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ पहली बार मीडिया के सामने आए और सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाए। देश की सबसे बड़ी अदालत के कामकाज को लेकर चारों जजों ने जो चिट्ठी चीफ जस्टिस को भेजी थी, वह सार्वजनिक कर दी गई है। चिट्ठी के मुताबिक, इस कोर्ट ने कई ऐसे न्यायिक आदेश पारित किए हैं, जिनसे चीफ जस्टिस के कामकाज पर असर पड़ा, लेकिन जस्टिस डिलिवरी सिस्टम और हाई कोर्ट की स्वतंत्रता बुरी तरह प्रभावित हुई है। सुप्रीम कोर्ट के इन चार जजों की प्रेस कान्फ्रेंस सुन आम आदमी पार्टी के नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।
कुमार विश्वास ने अपने ही अंदाज में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस और सार्वजनिक की गई चिट्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुमार विश्वास ने ट्विटर के जरिये इसपर अपना रिएक्शन दिया है। कुमार विश्वास ने लिखा है- चाहे सुप्रीम कोर्ट हो, सरकारें हों या राजनैतिक दल..हर जगह अहंकारी, असुरक्षाग्रस्त और कमजर्फ शासक हमारी सांझी लोकतांत्रिक विरासत के लिए सबसे बड़े ख़तरे हैं। समय रहते, चमचों द्वारा नियोजित इनके मुखौटे के पीछे छिपे असली वर्चस्ववादी चेहरों को पहचान कर देश को इस रोग से मुक्त कराना ही होगा।
चाहे #SupremeCourt हो,सरकारें हों या राजनैतिक दल हर जगह अहंकारी, असुरझा-ग्रस्त और कमजर्फ शासक,हमारी साँझी लोकतांत्रिक विरासत के लिए सबसे बड़े ख़तरे हैं.समय रहते, चमचों द्वारा नियोजित इनके मुखौटे के पीछे छिपे असली वर्चस्ववादी चेहरों को पहचान कर देश को इस रोग से मुक्त कराना ही होगा
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 12, 2018
कुमार विश्वास का ये ट्वीट देख लगता है कि उन्होंने पीसी करने वालों चारों जजों का समर्थन किया है। आपको बता दें कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग बंटे दिखाई दे रहे हैं। कुछ इस तरह से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के खिलाफ में खड़े हो गए हैं तो वहीं कुछ लोग इस कदम को साहसिक बता रहे हैं। बहुत से लोग इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से केंद्र की बीजेपी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।